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भरतपुर के बयाना में एक विचित्र बच्चे के जन्म होने का मामला सामने आया है। महिला ने चार हाथ, चार पैर वाले बच्चे को जन्म दिया। जिसकी जन्म के करीब डेढ़ घंटे बाद मौत हो गई। मामला जिले के बयाना कस्बे का है। डॉक्टरों का कहना है कि लाखों डिलीवरी में से एक में
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आरके हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.योगेश तिवारी ने बताया- बयाना उपखंड के एत्मादपुर गांव की रहने वाली रनिया पत्नी लखन गुर्जर डिलीवरी के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे अस्पताल में भर्ती हुई थी। महिला एक दो जगह पहले भी दिखा चुकी थी, लेकिन जानकारी पकड़ में नहीं आई। हमारे यहां पहुंचने पर सोनोग्राफी की गई, जिसमें बच्चे के बारे जानकारी पता लगी।
बच्चे के साथ अस्पताल स्टाफ।
डॉ.योगेश तिवारी ने बताया- परिजनों को पहले बता दिया था कि बच्चे के कोई जन्मजात गंभीर विकृति दिखाई दे रही है। सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में सिजेरियन ऑपरेशन करना होता है। लेकिन डॉक्टरों ने नॉर्मल डिलीवरी करवाई। प्री मैच्योर डिलीवरी हुई। साढ़े 7 महीने का बच्चा था। दोपहर 2 बजे डिलीवरी हुई, साढ़े 3 बजे बच्चे की मौत हो गई।
नॉर्मल डिलीवरी के जरिए महिला ने बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के चार हाथ, चार पैर, दो पेट थे। मेडिकल टर्म में इस प्रकार के बच्चों सिफलोथौरेकोपेगस बोला जाता है। जब बच्चा बन रहा होता है तो विकसित होने के दौरान भ्रूण में कोशिकाओं का सही ढंग से विभाजन नहीं हो पाता है। जिससे उनकी शारीरिक बनावट में विकृति उत्पन्न हो जाती है।
ऐसे बच्चों की जन्म दर बहुत कम पाई जाती है। आमतौर पर 50 हजार से 1 लाख के बीच डिलीवरी में इस तरह के बच्चे का जन्म होता है। ऐसे बच्चों की जीने की संभावना कम होती है। इस बच्चे की भी जन्म के कुछ घंटों बाद मौत हो गई थी।
डॉक्टर ने बताया- महिला की यह चौथी डिलीवरी थी। इससे पहले हुए तीनों बच्चे नॉर्मल है।
बच्चे के पिता लखन गुर्जर और मां रनिया ने बताया- वे ऐसा बच्चा देखकर आश्चर्य चकित हैं। उन्होंने ऐसे बच्चों के बारे में सुना भी नहीं था। उन्हें 7 महीने तक पता ही नहीं चला कि गर्भ में ऐसा बच्चा पल रहा है। पहले बयाना के ही एक दूसरे अस्पताल में सोनोग्राफी कराई थी, लेकिन वहां डॉक्टर ने ऐसी कोई जानकारी नहीं बताई थी। लखन किसान है।
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