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झारखंड के धनबाद स्टेशन पर नशाखुरानी गैंग के तीन सदस्यों को दबोचा गया है। एक महिला सहित गिरोह के तीन सदस्यों को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया। तीनों ने 12 सितंबर की रात धनबाद-फिरोजपुर गंगा सतलज में एक यात्री को नशाखुरानी का शिकार बनाया था। इसी गिरोह ने 27 सितंबर को बीकानेर-हावड़ा एक्सप्रेस में भी एक यात्री को नशीली दवा दे लूटपाट की थी।
कोल्डड्रिंक में मिलाए थे नशीली दवा
अन्य घटनाओं में भी इनकी संलिप्तता रही है। गिरोह में शामिल तीनों लोग औरंगाबाद और गया के रहने वाले हैं। आरपीएफ इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने बताया कि 12 सितंबर को रोहतास डालमियानगर के राजीव कुमार सिंह धनबाद से डेहरी ऑन सोन जाने के लिए गंगा सतलज एक्सप्रेस पर सवार हुए थे। धनबाद से गोमो के बीच उन्हें कोल्डड्रिंक्स और चिप्स में नशीली दवा मिला कर गिरोह के सदस्यों ने बेहोश कर दिया था। इसके बाद राजीव की दो अंगूठी, उनकी जेब से 25 हजार रुपए नकद और मोबाइल की चोरी कर ली थी। डेहरी में राजीव को आरपीएफ ने बेहोशी की हालत में उतारा था।
घुलने-मिलने के बहाने बना लेते शिकार
होश में आने के बाद राजीव ने बताया था कि गंगा सतलज एक्सप्रेस पकड़ने के लिए वे 12 सितंबर को धनबाद स्टेशन आए थे। प्लेटफॉर्म नंबर दो पर करीब 40 साल की एक दुबली-पतली महिला और 45 साल का व्यक्ति उनसे घुलने-मिलने लगा। जनरल बोगी में उन दोनों ने ही उनके लिए खिड़की वाली सीट रखी थी। थोड़ी देर में वह व्यक्ति प्लेटफॉर्म से कोल्डड्रिंक्स और चिप्स लेकर आया। काफी मना करने के बाद भी उन पर पीने का दबाव डाला। कोल्डड्रिंक्स पीते ही वह बेहोश होने लगे। उनके दाहिने हाथ से दोनों नग लगी हुई सोने की अंगूठी, जेब से रुपए और मोबाइल निकाल लिए। जाते-जाते उनका बैग भी आरोपी ले गए।
इंस्पेक्टर ने बताया कि पीड़ित से फोन पर हुई बातचीत के आधार पर स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे से दोनों की पहचान की गई थी। दोनों पर लगातार स्टेशन में निगरानी की जा रही थी। निगरानी के दौरान ही इंस्पेक्टर की अगुवाई में सब इंस्पेक्टर आभाष चंद्र सिंह, कुंदन कुमार, मनीषा कुमारी, एएसआई अभिमन्यु सिंह, हेड कांस्टेबल सोनू कुमार पांडेय, आमिर कुमार अनिल कुमार आदि ने गिरोह के तीन सदस्यों को दबोच लिया।
महिला ने अपने देवर के साथ यात्री से की थी लूटपाट
पकड़े गए आरोपियों में औरंगाबाद सलैया मथानबिघा निवासी वीरेंद्र सिंह, गया खिजरसराय सिमरौका निवासी सूरज कुमार और औरंगाबाद देव सरगाना निवासी सुनैना देवी हैं। जहरखुरानी के शिकार राजीव ने सुनैना की पहचान की। सुनैना ने बताया कि उस दिन अपने देवर सुनील सिंह के साथ उसने राजीव को नशीली दवा देकर उनका सामान चुराया थे।
सरगना ने गैंग सदस्यों को 40 हजार मासिक पर किया था बहाल
सुनैना ने आरपीएफ को बताया कि उसका पति अनिल सिंह गिरोह का सरगना है। वह गिरोह के सदस्यों को महीने में 40 हजार रुपए देता है। गिरोह में सरगना अनिल सिंह के अलावा उसके भाई सुनील सिंह और चंदन सिंह फरार हैं। आरोपियों के पास से आरपीएफ ने यात्रियों से लूटी हुई घड़ी, एक सोने की अंगूठी, एक जोड़ा आर्टिफिशियल झुमका, एक जोड़ा आर्टिफिशियल पायल, एक आर्टिफिशियल छोटा कान का झुमका बरामद किया है।
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