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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने धूल रोधी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त ऐक्शन लिया है। उन्होंने दो निर्माण कंपनियों पर पांच-पांच लाख का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने निर्माण के दौरान धूल नियंत्रण उपायों में लापरवाही बरतने पर दो निर्माण कंपनियों पर पांच-पांच लाख का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। सोमवार दिन में पर्यावरण मंत्री ने दोनों निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया था और यहां पर कमियां पाई थीं। राजधानी दिल्ली में जाड़े के समय प्रदूषण की प्रमुख वजहों में धूल भी शामिल है। इसी के चलते दिल्ली सरकार द्वारा सोमवार से धूल रोधी अभियान शुरू किया गया।
इस अभियान में दिल्ली के तेरह अलग-अलग विभागों की 523 टीमें दिल्ली भर में धूल उड़ाने वाले निर्माण स्थलों पर कार्रवाई करेंगी। इसी क्रम में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिन में आरएमएल अस्पताल और लेडी हार्डिंग्स रोड पर स्थित एक निर्माण स्थल का औचक निरीक्षण किया। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि यहां पर निरीक्षण के दौरान धूल नियंत्रण से संबंधित अनियमितता पाई गई।
कहीं पर निर्माण स्थल के साइज के अनुसार एंटी स्मोग गन की तैनाती नहीं की गई थी तो कहीं पर चारों तरफ बोरियां फैली हुई थीं। जिसके चलते धूल प्रदूषण हो रहा था। जिसके चलते निर्माण करा रही दोनों कंपनियों पर पांच-पांच लाख का जुर्माना लगाने के निर्देश डीपीसीसी को दिए गए हैं। इन कंपनियों को नोटिस भी भेजा जाएगा। जिसका संतोषजनक जवाब नहीं देने पर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए जारी 14 नियमों को लागू करना जरूरी है। इसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली में सर्दियों के प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने 21 सूत्री विंटर एक्शन प्लान तैयार किया है और उसी पर काम कर रही है। राय ने बताया कि दिल्ली में ग्रीन वार रूम ने काम करना शुरू कर दिया है और पराली गलाने वाले बायो डीकंपोजर घोल का छिड़काव भी धान के खेतों में शुरू किया गया है।
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