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– उपराज्यपाल ने रंगपुरी, आयानगर और जौनापुर की तस्वीरों को साझा किया – सरकार पर
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को कहा कि 10 साल से सरकार की अनदेखी और उपेक्षा के कारण दिल्ली के अधिकांश लोग नरक से बदतर जीवन जीने को मजबूर हैं। सोशल माध्यम मंच ‘एक्स पर रंगपुरी, आयानगर और जौनापुर क्षेत्र में किए गए निरीक्षण की तस्वीरें साझा करते हुए उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री को कम से कम अब तो शासन पर ध्यान देना चाहिए। उपराज्यपाल ने पोस्ट में लिखा है… स्थानीय निवासियों के लगातार अनुरोध पर रविवार शाम उन्होंने रंगपुरी, आयानगर और जौनापुर क्षेत्र का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हें सरकार की नाकामी और कुव्यवस्था का भयावह उदारण देखने को मिला। यहां जानलेवा ढंग से लटके हुए बिजली के तारों का जाल देखने को मिला। पीने के पानी के लिए हाथों में पाइप लिए हुए महिलाएं दिखीं। खुले मेनहोल और कूड़े के ढेर दिखे। गलियों में बहते सीवर के पानी से उपजी अक्षम्य स्थिति नजर आई। उन्होंने लिखा है कि जो कुप्रबंधन यहां पर दिखाई दिया वही उत्तर-पूर्वी दिल्ली और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के निरीक्षण के समय भी नजर आया था।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित
उपराज्यपाल ने कहा कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। तंग गलियों में अतिक्रमण और कूड़े के ढेर हैं। गड्ढों में नालियों और सीवर का पानी भरा रहता है और पाइप के जाल बेतरतीब बिखरे पड़े हैं। देश की राजधानी के इस हिस्से में भी सीवरेज, पीने का पानी और सड़क जैसी सुविधा मौजूद नहीं हैं। पानी की निकासी नहीं होने के कारण रंगपुरी जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में जलजमाव के कारण लोग दुर्गंध और बीमारियों के बीच जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जल बोर्ड द्वारा अभी तक पानी की स्थायी लाइन नहीं लगाए जाने के कारण पूरा इलाका अवैध पाइप से पटा पड़ा है।
अधिकारियों को स्थिति में सुधार के निर्देश
एलजी ने कहा कि यदि सरकार ने 10 में से सिर्फ दो साल भी ईमानदारी से काम किया होता तो ऐसी बदहाली नहीं होती। निरीक्षण के दौरान इलाके में जमा हजारों लोगों ने अपने गुस्से, मजबूरी और बेबसी की कहानियां बयान की। संबंधित अधिकारियों को उन्होंने जल्द से जल्द स्थिति में सुधार लाने को कहा है। उपराज्यपाल ने कहा कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को अंत्योदय समाज के कष्टों के निवारण के लिए बार-बार सचेत किया था, पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। अब फिर से मुख्यमंत्री का ध्यान इस आकर्षित किया जा रहा है। उन्होंने लिखा है कि मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे कम से कम अब तो शासन पर ध्यान दें।
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