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कैंसर मरीजों के लिए एक राहतभरी खबर है। पहले से डॉक्टरों और सुविधाओं की कमी से जूझ रहे पूर्वी दिल्ली में स्थित दिल्ली राज्य कैंसर अस्पताल ने ओपीडी में दिखाने वाले मरीजों के लिए एक नया नियम शुरू किया है।
कैंसर मरीजों के लिए एक राहतभरी खबर है। पहले से डॉक्टरों और सुविधाओं की कमी से जूझ रहे पूर्वी दिल्ली में स्थित दिल्ली राज्य कैंसर अस्पताल ने ओपीडी में दिखाने वाले मरीजों के लिए एक नया नियम शुरू किया है। दिल्ली सरकार के इस अस्पताल में अब मरीज बिना अपॉइंटमेंट लिए सीधे ओपीडी में डॉक्टरों को दिखा सकते हैं।
इसके लिए मरीज को उसी दिन काउंटर से टोकन लेना होगा। इस टोकन नंबर के आधार पर डॉक्टर मरीजों को देख सकेंगे। अभी तक अस्पताल में दिखाने के लिए मरीजों को पहले से ही अपॉइंटमेंट लेना पड़ता था। इस फैसले के बाद अस्पताल की ओपीडी में भी भीड़ बढ़ गई है।
एक डॉक्टर सौ मरीज देख रहे : अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि टोकन सिस्टम शुरू होने के बाद जहां एक डॉक्टर पहले 50 से 60 मरीज देखते थे वो अब कैंसर के 100 मरीज एक दिन में देख रहे हैं। कैंसर के एक मरीज को देखने के लिए ओपीडी में 10 से 15 मिनट का समय चाहिए होता है। शुक्रवार को नया नियम आया तो मरीजों और तीमारदारों की भीड़ और बढ़ गई। ऐसे में कुछ तीमारदार गुस्से में भी आ गए। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल को इस फैसले के साथ डॉक्टरों के खाली पड़े पदों को भी भरना चाहिए।
बड़ी संख्या में पद खाली, एक्स-रे मशीन भी खराब
दिल्ली राज्य कैंसर अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के कुल 67 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 37 पद ही भरे हुए हैं। इसी तरह फैकल्टी यानी वरिष्ठ डॉक्टरों के 113 पदों में से 17 पद ही भरे हैं। अस्पताल में एक्स-रे मशीन तक खराब है। पोर्टेबल एक्सरे मशीन से काम चलाया जा रहा है। एंडोस्कोपिक बायोप्सी की सुविधा भी बंद पड़ी है। छह वेंटिलेटर होने के बावजूद डॉक्टरों की कमी के चलते गंभीर कैंसर मरीजों को दूसरे अस्पताल रेफर करना पड़ता है।
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