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लोहरदगा के सेन्हा थाना के धरधरिया में तीन मई 2011 में हुए विस्फोट में सीआरपीएफ और पुलिस के 11 जवानों की मौत के मामले के सभी सजायाफ्ता को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। शुक्रवार को जस्टिस आरके मुखोपाध्याय और जस्टिस पीके श्रीवास्तव ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए ठोस साक्ष्य नहीं होने और गवाहों के बयान को देखते हुए सभी को बरी कर दिया। बरी किए जाने वालों में सुधवा असुर, सुना खेरबार, पुरन गंझू और अक्षय खेरवार शामिल हैं। इस विस्फोट में 60 लोग घायल भी हुए थे।
इस घटना के बाद पुलिस ने सेन्हा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। निचली अदालत ने दोषी पाते हुए 12 अप्रैल 2016 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सभी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। अपील पर सुनवाई में शुक्रवार को सभी को बरी कर दिया।
नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर चला रहे थे अभियान पुलिस को धरधरिया में नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद तत्कालीन एसपी के निर्देश पर जिला पुलिस और सीआरपीएफ की टीम अभियान पर निकली थी। उसी दौरान विस्फोट हुए थे।
सुबह करीब नौ बजे जब जवान धरधरिया झरने के ऊपर से गुजरनेवाली पगडंडी से गुजर रहे थे। उसी दौरान सीरीज लैंडमाइंस विस्फोट होने लगे और जवान चपेट में आ गए। लैंडमाइन ब्लास्ट करने के बाद नक्सली घायल और मृत जवानों के हथियार लूटने की फिराक में थे। लेकिन जवानों ने घायल होने के बावजूद बहादुरी दिखाई और जवाबी हमला किया, जिसके कारण नक्सली हथियार लूटने में कामयाब नहीं हो सके।बाइक से घायल जवानों को किया गया था रेस्क्यूजवानों के शहीद और घायल होने की सूचना पर अफसरों की टीम धरधरिया पहुंची थी। इलाज के लिए अस्पताल तक लाने में काफी देर हुई, काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रास्ता ठीक नहीं होने के कारण गाड़ियां घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकती थीं। पहले घायलों को कंधे पर, फिर आसपास के ग्रामीणों की मदद से सभी को पहाड़ के नीचे लाकर बाइक से अस्पताल पहुंचाया गया।
घटना के बाद जवानों में इस बात को लेकर गुस्सा था कि रेस्क्यू में देर की गई। घायल जवान फोन पर मदद मांगते रहे पर समय पर नहीं पहुंची मददझरने के नीचे मौजूद एक जवान के मोबाइल पर एक घायल जवान बार-बार कॉल कर बचाने की गुहार लगा रहा था। फोन रिसीव करनेवाला जवान डीएसपी का बॉडीगार्ड था। थोड़ी देर बाद फोन आना और उसका फोन रिसीव करना बंद हो गया। बाद में पता चला कि फोन करनेवाला वह घायल जवान शहीद हो चुका है। ये जवान हुए थे शहीद शहीद जवानों में जिला बल के प्रमोद राय, लालचीक बड़ाइक, दिनेश महतो, चंद्रशेखर सिंह और राजेश कच्छप के अलावा सीआरपीएफ 133 बटालियन के जवानों में बिहार के छपरा निवासी डीएन सिंह, यूपी निवासी राधेकृष्ण, यूपी बुलंद शहर निवासी सतवीर सिंह, असम के गुवाहाटी निवासी डीसी डेका, यूपी के गाजियाबाद निवासी गजेंद्र सिंह और हरियाणा के प्रताप सिंह शामिल थे।
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