{“_id”:”67000a124faf42c07205da5f”,”slug”:”pratapgarh-kunda-co-zia-ul-haq-murder-case-comes-after-11-years-10-accused-convicted-2024-10-04″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Pratapgarh : सीओ जिया उल हक हत्याकांड का 11 वर्ष बाद आया फैसला, 10 आरोपी दोषी करार”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
अमर उजाला नेटवर्क, प्रतापगढ़
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 05 Oct 2024 08:32 AM IST
कुंडा के सीओ रहे जिया उल हक हत्याकांड का 11 वर्ष बाद शुक्रवार को फैसला आया। सीबीआई की विशेष अदालत ने दस आरोपियों को दोषी माना है। बलीपुर के प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद उसके भाई की गोली लगने से मौत से आक्रोशित लोगों ने सीओ की लाठी डंडों से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सीओ जिया उल हक। फाइल फोटो – फोटो : संवाद
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कुंडा के सीओ रहे जिया उल हक हत्याकांड का 11 वर्ष बाद शुक्रवार को फैसला आया। सीबीआई की विशेष अदालत ने दस आरोपियों को दोषी माना है। बलीपुर के प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद उसके भाई की गोली लगने से मौत से आक्रोशित लोगों ने सीओ की लाठी डंडों से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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हत्या का आरोप कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया व उनके करीबी रहे गुलशन यादव पर लगा था। हालांकि जांच के दौरान ही सीबीआई ने दोनों को क्लीन चिट दे दिया था।
देवरिया जनपद के नूनखार टोला जुआफर के रहने वाले सीओ जिया उल हक को 2012 में कुंडा सर्किल की जिम्मेदारी मिली थी। हथिगवां के बलीपुर गांव में दो मार्च 2013 की शाम प्रधान नन्हे सिंह यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह हत्या उस समय हुई थी। जब वह विवादित जमीन के पास चाय की दुकान पर बैठा था।