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मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले महाकाल लोक की तर्ज पर अलग-अलग धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर 20 लोक बनाने का ऐलान किया गया था। इनमें 14 लोक धार्मिक तो चार सांस्कृतिक आधार के हैं। सभी लोक के निर्माण का जिम्मा मप्र पर्यटन विभाग को सौंपा गया है।
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दैनिक भास्कर ने एक साल बाद इन सभी लोक के निर्माण की जमीनी हकीकत की पड़ताल की तो पता चला कि 7 लोक का निर्माण अब तक शुरू नहीं हुआ है। 13 लोक के निर्माण का काम चल रहा है। इनमें 3 लोक का काम 10 से 30 फीसदी तक हुआ है। वहीं, 6 लोक ऐसे हैं जहां 40 से 60 फीसदी तक काम हुआ है।
महाकाल लोक और सतना के व्यंकटेश लोक का ही काम लगभग पूरा हुआ है। खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में 2200 करोड़ की लागत से बन रहे अद्वैत लोक के सेकेंड फेज का काम टेंडर की वजह से अटक गया है। इसी तरह खरगोन के नवग्रह लोक का काम 10 दिन पहले ही शुरू हुआ है। भास्कर ने इस मामले में पर्यटन विभाग के अफसरों से बात की तो उन्होंने कहा कि सभी लोक के काम पूरे किए जा रहे हैं, लेकिन इसमें समय लगेगा। पढ़िए रिपोर्ट…
सिलसिलेवार जानिए किस लोक का काम कहां अटका
अद्वैत लोक: सेकेंड फेज का टेंडर ही जारी नहीं हुआ अद्वैत लोक का बजट 2200 करोड़ रुपए है। इसके पहले चरण के तहत आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का निर्माण हो चुका है। 21 सितंबर 2023 को तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिमा का अनावरण करने के साथ सेकेंड फेज का भूमिपूजन किया था। अब हालत ये है कि सेकेंड फेज का टेंडर ही जारी नहीं हुआ है। पर्यटन विभाग से जुड़े अधिकारी ने बताया कि प्रोजेक्ट का बजट तो आवंटित हैं, मगर टेंडर की राशि बजट से ज्यादा हो रही है।
वहीं, फर्स्ट फेज का भी जो काम बाकी है वो भी बारिश के कारण रुका हुआ है। अद्वैत लोक तक पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है। नर्मदा नदी पार करने के लिए जो अस्थाई सड़क बनी थी, वह बारिश के पानी में डूब गई। इसकी वजह से वाहन निर्माण स्थल तक नहीं जा पा रहे हैं।
सलकनपुर देवी लोक: एक साल में 50 प्रतिशत काम पूरा तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में आने वाले सलकनपुर देवी मंदिर विकास परियोजना की आधारशिला 31 मई को रखी गई थी। सलकनपुर में अभी तक 50 फीसदी तक काम पूरा हो चुका है। 64 योगिनी और देवी के 9 स्वरूप का काम 90 फीसदी हो चुका है।
मणिदीप का काम भी पूरा हो चुका है। यहां लगने वाली तीन प्रतिमाएं ओडिशा से बनकर आने वाली हैं। मंदिर के एक गुंबद को ऊंचा करने का काम भी पूरा हो गया है। साल 2025 तक देवी लोक बनाने का काम पूरा हो जाएगा।
रामराजा लोक: अभी तक सिर्फ 10 प्रतिशत काम पूरा ओरछा के रामराजा मंदिर परिसर में 12 एकड़ जमीन पर 143 करोड़ रुपए से ‘रामराजा लोक’ विकसित किया जा रहा है। अभी 10 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। पूर्व सीएम शिवराज ने 4 सितंबर को इसका भूमिपूजन किया था। रामराजा लोक में एक भव्य प्रवेश द्वार बनाने और भगवान राम के बाल स्वरूप के वर्णन के साथ गलियारे और प्रांगण का विकास किया जाना है।
संत रविदास लोक: 40 प्रतिशत काम पूरा, दिसंबर 2024 डेडलाइन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 12 अगस्त को संत रविदास स्मारक की आधारशिला रखी थी। सागर के मकरोनिया से सटे बड़तूमा में 11 एकड़ जमीन पर इसका निर्माण कराया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत संत रविदास का नागर शैली का भव्य मंदिर 10 हजार स्क्वॉयर फीट में किया जाना है।
साथ ही एक म्यूजियम का निर्माण भी किया जाना है। इस प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार की भी भागीदारी है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दिसंबर 2024 तक बाकी बचा काम पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
महाकाल लोक: फेज-2 का काम अब भी जारी केंद्र के सहयोग से उज्जैन के महाकाल मंदिर के पास 47 हेक्टेयर क्षेत्र में महाकाल लोक का निर्माण किया गया है। करीब 1106 करोड़ रुपए की लागत से दो चरणों में काम पूरा होना है। पहले फेज का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को किया था। दूसरे फेज की शुरुआत 5 अक्टूबर 2023 को हुई।
दूसरे फेज में महाराज वाड़ा परिसर, रुद्रसागर का जीर्णोद्वार और अन्न क्षेत्र का विकास किया जाना है। साल 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन होना है। उससे पहले फेज-2 का काम पूरा करने की सरकार की कोशिश की है। सरकार ने जितने लोक का ऐलान किया, उसमें उज्जैन का महाकाल लोक ही ऐसा है जिसका काम तेजी से चल रहा है।
व्यंकटेश लोक: काम पूरा हो चुका, 5 अक्टूबर 2023 को लोकार्पण सतना के ऐतिहासिक व्यंकटेश मंदिर के 10 एकड़ परिसर में इस लोक का निर्माण किया गया है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 5 अक्टूबर 2023 को इसका लोकार्पण किया। भगवान विष्णु को समर्पित व्यंकटेश मंदिर विंध्य क्षेत्र के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।
राजा रंदमान सिंह ने इसे दक्षिण भारतीय शैली में बनवाया था। व्यंकटेश लोक का निर्माण मालवा और राजस्थान के कारीगरों ने किया है। मंदिर के पास के तालाब को सुंदर आकार दिया गया है। साथ ही परिसर में योग स्थल, प्रवचन हॉल, साधु-संतों के रुकने के लिए प्रतीक्षालय भी बनाया गया है। यहां भगवान विष्णु के 10 अवतारों का जीवंत प्रदर्शन करतीं भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।
भादवा माता लोक: 60 प्रतिशत काम पूरा नीमच के भादवा माता मंदिर में 10 करोड़ की लागत से विकास कार्य किए जा रहे हैं। 30 सितंबर 2023 को तत्कालीन सीएम शिवराज ने भादवा माता लोक का शिलान्यास किया था। पिछले एक साल में यहां 60 फीसदी काम हो चुका है। पर्यटन विभाग के अफसरों के मुताबिक मंदिर के गर्भगृह, श्रद्धालुओं और रोगियों के विश्राम स्थल समेत भोजनशाला का निर्माण कार्य चल रहा है।
दरअसल, भादवा माता के मंदिर में लकवाग्रस्त लोग आते हैं। मान्यता है कि मंदिर के परिसर में स्थित बावड़ी के पानी से स्नान करने पर रोग ठीक हो जाते हैं। इस परिसर का निर्माण करने के साथ सरकार यहां आयुर्वेदिक अस्पताल और फिजियोथैरेपी सेंटर भी खोलने जा रही है।
नवग्रह लोक: घोषणा के दो साल बाद अनंत चतुर्दशी पर काम शुरू खरगोन में नवग्रह लोक का भूमिपूजन पिछले साल 29 सितंबर को हुआ था। 25 करोड़ की लागत से नवग्रह मंदिर के पास कॉरिडोर, वाटिका, कुंड विकसित किए जाएंगे। पर्यटन विभाग के अफसरों के मुताबिक लोक की जो डिजाइन और आर्किटेक्ट तय किया था उसमें बदलाव की मांग स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने की थी।
इसका पूरा नया डिजाइन तैयार किया गया है। इसके बाद अनंत चतुर्दशी पर काम शुरू हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक नवग्रह लोक बनने में कम से कम एक साल से ज्यादा का समय लगेगा।
अहिल्या नगरी लोक: 70 फीसदी काम बाकी इंदौर के राजवाड़ा के आसपास के क्षेत्र और उद्यान का सौंदर्यीकरण और विकास कार्य कर अहिल्या नगरी लोक का निर्माण किया जा रहा है। इस लोक में अहिल्या प्रतिमा, लाइट और साउंड शो, राजवाड़ा चौक और उद्यानों का विकास जैसे कार्य शामिल हैं। अहिल्या लोक का निर्माण राज्य सरकार और अहिल्या उत्सव समिति, एक साथ मिलकर कर रहे हैं। यहां अब तक तीस फीसदी काम ही हो पाया है।
जानापाव लोक: 20 फीसदी काम पूरा हुआ भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव में परशुराम लोक का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लागत 10 करोड़ रुपए है। पिछले साल 30 मई को इसका भूमिपूजन किया गया था। पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों के मुताबिक जानापाव में कुंड का विकास, ऑडिटोरियम, ध्यान कुटीर, हर्बल गार्डन, फेंसिंग, बहुउद्देशीय भवन, लैंड स्केपिंग और जनसुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके अलावा, आने-जाने में आसानी के लिए रोपवे भी बनाए जाने की योजना है। फिलहाल 20 फीसदी काम हुआ है।
महाराणा प्रताप लोक: इस साल के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद पिछले साल 2 जून को भोपाल के टीटी नगर में महाराणा प्रताप लोक बनाने का ऐलान हुआ था। स्मार्ट सिटी एरिया में इसे बनाया जा रहा है। महाराणा प्रताप लोक में कुंभलगढ़ किले की झलक देखने को मिलेगी। प्रांगण में 2 हजार लोगों की क्षमता वाला एक मंच भी होगा। जिसमें चित्तौडगढ़़ जैसा विजय स्तंभ बनेगा।
इस लोक में महाराणा प्रताप की प्रतिमा, बप्पा रावल, महाराणा कुंभा, महाराणा सांगा, महाराणा उदय सिंह और दूसरे वीरों के जीवन चरित्र की प्रदर्शनी, मंच, लाइट एंड शो, कैफेटेरिया भी बनाया जाना है। अधिकारियों के मुताबिक इस साल के आखिर तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
नर्मदा लोक समेत 7 लोक के लिए बजट ही नहीं मिला नर्मदा नदी के आसपास के क्षेत्र और अमरकंटक के विकास के लिए पिछले साल 10 अगस्त को नर्मदा लोक बनाने की घोषणा की गई थी। इसके तहत 100 करोड़ की लागत से नर्मदा के घाटों का विकास और सौंदर्यीकरण, न्यू अमरकंटक सिटी के साथ कई विकास कार्य किए जाने हैं। मगर योजना अभी सिर्फ कागजों पर है।
इसके अलावा छतरपुर के छत्रसाल लोक, ग्वालियर के शनि लोक, बड़वानी के नाग लोक, दतिया के पीतांबरा लोक की भी घोषणा हुई थी, मगर इनका काम शुरू नहीं हुआ। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अभी 7 लोक ऐसे हैं, जिनके लिए बजट तय नहीं हुआ है। बजट न होने से इनका काम ही शुरू नहीं हो पाया है।
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