[ad_1]
राजस्थान की शहरी सरकारों यानी नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिकाओं) में मौजूद कर व शुल्क (टैक्स व रेवेन्यू सिस्टम) प्रणाली और यहां के नियम-अधिनियम में सरकार बदलाव करने पर विचार कर रही है। इसका कैसे सरलीकरण किया जाए और यूजर फ्रेंडली बनाया
.
स्वायत्त शासन निदेशालय के निदेशक और विशिष्ट सचिव कुमार पाल गौतम में आदेश जारी करते हुए चार अलग-अलग विषयों पर सरकार को सुझाव देने के लिए कमेटियां बनाई है। इसमें टैक्स और शुल्क प्रणाली के लिए जो कमेटी बनाई है, उसमें 5 लोग शामिल किए है।
इस कमेटी में वित्तीय सलाहकार महेन्द्र मोहन, नगर निगम ग्रेटर के उपायुक्त राजस्व जनार्दन शर्मा, राज्य नोडल अधिकारी (वित्त आयोग) डॉ. कमल दीप शर्मा, सहायक विधि परामर्शी सोमदत्त खण्डप्पा और सहालाकार पारस जैन है।
आपको बता दें कि वर्तमान में अभी प्रदेश में शहरी निकायों में यूडीटैक्स, विज्ञापन शुल्क, फायर एनओसी शुल्क, मैरिज गार्डन रजिस्ट्रेशन शुल्क, बिल्डिंग प्लान अप्रूवल शुल्क और मोबाइल टॉवर शुल्क से निकायों के सबसे बड़े रेवेन्यू के स्त्रोत है।
शुल्क जमा करवाने के लिए तैयार, लेकिन गणना करवाना परेशानी
वर्तमान में तमाम शहरों में नगरीय विकास कर (यूडी टैक्स), मोबाइल टॉवर शुल्क, भवन निर्माण स्वीकृति शुल्क, विज्ञापन शुल्क, फायर एनओसी शुल्क जमा करवाने के लिए आवेदक तैयार रहते है। लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उनकी गणना करवाना, उनकी फाइल सिस्टम को मूव करवाने और आखिर में जमा करवाने में आती है। इस कारण कई कंपनियां, संस्था या व्यक्ति इन शुल्क को जमा ही नहीं करवाते।
जयपुर में ही प्राइवेट फर्म करती है यूडीटैक्स की वसूली
जयपुर में वर्तमान में नगरीय विकास कर की वसूली प्राइवेट फर्म स्पैरो कंपनी के जरिए करवाई जाती है। फर्म की ओर से कई मकान, खाली भूखंडों को टैक्स दायरे में लाकर उन्हें 2008-09 से टैक्स का नोटिस दिया जा रहा है। इसको लेकर कई लोगों की आपत्तियां आ रही है, लेकिन उनका निस्तारण करने वाला कोई नहीं है। प्राइवेट फर्म की ओर से गलत गणना करके नोटिस देने के कारण कई लोग टैक्स जमा नहीं करवा रहे।
इन कार्यो के लिए भी बनाई कमेटी
– सरकार ने विभाग में दी जाने वाली ऑनलाइन, ऑफलाइन सेवाओं सरलीकरण करने, टाइमबाउंड करने और अधिकतम सेवाओं को ऑनलाइन करने पर सुझाव और राय देने के लिए 6 सदस्यों की कमेटी बनाई है।
– कोर्ट में लंबित प्रकरणों की पेंडेंसी को कैसे कम किया जाए, छोटी पेनल्टी वाले कोर्ट के प्रकरणों का विश्लेषण एवं उनके संबंध में प्लानिंग तैयार करने और कोर्ट के केसों को कैसे बढ़ने से रोका जाए इस पर सुझाव देने के लिए 5 सदस्यों की कमेटी बनाई है।
– वर्तमान में लागू नियम-अधिनियमों में संशोधन करने और उनको आमजन के लिए और सरल बनाने पर सुझाव देने के लिए एक अन्य 5 सदस्यों की कमेटी भी बनाई है।
जयपुर में यूडी टैक्स का
[ad_2]
Source link