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राजस्थान के प्रख्यात युवाचार्य स्वामी अभयदास ने एक बड़ा और विवादास्पद दावा करते हुए कहा है कि राजस्थान के ऐतिहासिक दुर्गों में बनी मुस्लिम मज़ारें हिंदू अस्मिता के खिलाफ एक गहरी साज़िश का हिस्सा हैं। उनका कहना है कि इन मज़ारों के पीछे झूठी कहानियां ग
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हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में अभयदास कहते नजर आ रहे हैं, ‘भारत के जितने भी दुर्ग हैं, उनमें लगभग सभी में मुस्लिम मज़ारें बनाई गई हैं और इनके पीछे की कहानियां पूरी तरह से झूठी और मनगढ़ंत हैं। यह सब कुछ एक बड़ा छलावा है, जिसका मकसद हिंदुओं के इतिहास और पहचान को मिटाना है’
उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले 1000 सालों में मुसलमानों ने हिंदू अस्मिता को लूटने का काम किया है। वे कभी भी किसी हिंदू राजा के साथ खड़े नहीं हो सकते। हां, सौ में अगर एक-आध व्यक्ति जैसे रसखान और रहीम थे, जिन्हें हमने गले लगाया, लेकिन बाकी सब झूठी कहानियों पर आधारित हैं।’
समर्थन और आलोचना के बीच घिरे अभयदास
अभयदास के इस बयान ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कई लोग उनके दावे का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कई इसे सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाला बयान मान रहे हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि अभयदास ने ऐतिहासिक सच्चाई को उजागर किया है, जिसे लंबे समय से छिपाया जा रहा था। वहीं, आलोचकों का कहना है कि इस तरह के बयान समाज में फूट डालने का काम करेंगे और सांप्रदायिक सद्भावना को खतरे में डालेंगे।
राजस्थान जैसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील राज्य में अभयदास के इस बयान ने विवाद को और भी बढ़ा दिया है। पहले से ही यहां कई घटनाओं ने सांप्रदायिक तनाव को हवा दी है, और अब यह नया बयान स्थिति को और गंभीर बना सकता है।
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