[ad_1]
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने कहा यह समझ से परे है कि काफी समय देने के बावजूद अन्य जिलों का ब्योरा क्यों पेश नहीं किया गया।
[ad_2]
Source link
[ad_1]
{“_id”:”66feed763a5b761ad40c8b73″,”slug”:”up-high-court-asks-for-record-of-homeless-people-in-uttar-pradesh-2024-10-04″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”UP: हाईकोर्ट ने प्रदेश के बेघर, बेसहारा लोगों का मांगा ब्योरा, 24 अक्तूबर तक मांगी रिपोर्ट”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
– फोटो : अमर उजाला
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शहर के बेघर व बेसहारा लोगों को इलाज और शरण देने के मामले में बाल एवं महिला कल्याण विभाग को कार्यवाही करने का आदेश दिया। कोर्ट ने बाल कल्याण समिति लखनऊ को 24 अक्तूबर को आदेश के पालन की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने कहा यह समझ से परे है कि काफी समय देने के बावजूद अन्य जिलों का ब्योरा क्यों पेश नहीं किया गया। अगली सुनवाई पर 24 अक्तूबर को कोर्ट ने यह ब्योरा पेश करने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह आदेश ज्योति राजपूत की जनहित याचिका पर दिया।
कोर्ट के आदेश पर गठित 5 युवा अधिवक्ताओं शैलेंद्र सिंह राजावत, जितेंद्र नारायण मिश्र, विकास कुमार अग्रवाल, रानी सिंह व श्रेया अग्रवाल की टीम को लखनऊ में ऐसे 97 बेघर व बेसहारा लोग मिले। इनमें से 25 को तत्काल मदद की जरूरत बताई गई। टीम के वकीलों ने कोर्ट को यह भी बताया कि सर्वे के दौरान उन्हें काफी बच्चे रेलवे ट्रैक के आस पास घूमते भी दिखे। इसपर कोर्ट ने बाल कल्याण समिति को कार्यवाही करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अफसरों द्वारा प्रदेश के अन्य जिलों से ऐसे लोगों का ब्योरा पेश न किए जाने पर नाराजगी जताई।
[ad_2]
Source link
© 2024 Gnews 24 Live- Sonebhadra | Website By- Cliker Studio