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आज से शारदीय नवरात्र की शुरुवात हो गई है। जिसको लेकर राजगढ़ में ऊंची टेकरी पर स्थित माँ जालपा के मन्दिर को विशेष तौर पर सजाया गया है। आज यानी गुरुवार सुबह 11:45 बजे मंदिर में घट स्थापना कि गई। इसके बाद सुबह से यहां श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पट खोले
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नवरात्रि में लगता है भक्तों का तांता
मां जापला देवी का यहां प्राचीन मन्दिर राजगढ़ से करीब 5 किलो मीटर दूरी पर ख़िलचीपुर जाने वाले हाइवे 52 के समीप एक ऊची पहाड़ी पर स्थित है। मन्दिर पर जाने के लिए भक्तों को 1किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है यू तो सालभर मन्दिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लेकिन नवरात्रि में यहां मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य जगह से लाखो श्रद्धालु आते हैं। नवरात्रि में राजगढ़ सहित आसपास क्षेत्र के भक्त यहां पदयात्रा कर जालपा माता को चुनरी चढ़ाते है।
मंदिर की कहानी
यहां मन्दिर करीब 1100 से अधिक साल पुराना है। मन्दिर के पुजारी ने बताया कि करीब यहां 1100 साल पहले भक्ति ज्वाला नाथ की तपस्या से खुश होकर माता ने उन्हें यह दर्शन दिए थे । इसके बाद यही पीपल के पेड़ के नीचे माता की प्रतिमा मिली थी। इसके बाद में जालपा पहाड़ी पर पाषण निर्मित माता की सिंह सवार प्रतिमा की चबूतरा पर ही स्थापना की गई थी।
प्रतिमा की स्थापना के बाद मंदिर की देखरेख राजगढ़ स्टेट के उमठवंशीय राजाओं और बाद में प्रशासन और मन्दिर ट्रस्ट की जिम्मेदारी में आगई । इस मंदिर पर पहुचे के लिए दो मार्ग है।यहां सड़क मार्ग के साथ पहाड़ी पर जाने के लिए सीढ़ियों वाला मार्ग भी है।सुरक्षा के लिए यहां पुलिस चौकी भी स्थापित की गई है।
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