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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मांग की कि दिल्ली पुलिस द्वारा शहर के कुछ हिस्सों में 6 अक्टूबर तक लगाए गए हफ्ते भर के निषेधाज्ञा को तुरंत वापस लिया जाए।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मांग की कि दिल्ली पुलिस द्वारा शहर के कुछ हिस्सों में 6 अक्टूबर तक लगाए गए हफ्ते भर के निषेधाज्ञा को तुरंत वापस लिया जाए। ताकि फेस्टिव सीजन में लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो यह सुनिश्चित किया जा सके। केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कालकाजी मंदिर के पुजारी द्वारा सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाली न्यूज रिपोर्ट को शेयर किया।
आप नेता ने लिखा, ‘दिल्ली पुलिस का निषेधाज्ञा आदेश एक्सेसिव (हद से ज्यादा) और निरर्थक है। इससे जनता को असुविधा हो रही है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।’ दरअसल, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। इसके तहत नई दिल्ली, सेंट्रल और उत्तरी पुलिस जिलों के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे इलाकों में सोमवार से छह दिनों के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
यह आदेश तब लागू किए गए जब अक्टूबर की शुरुआत में शहर में कई विरोध प्रदर्शनों और कैंपेन को लेकर खुफिया सूचना मिली। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निषेधाज्ञा दंडात्मक नहीं है। एक अधिकारी ने कहा, ‘असल में यह एक निवारक उपाय है। यह महज संयोग है कि इस साल पड़ोसी राज्य में त्योहार और चुनाव एक ही समय पर हो रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान कई सामाजिक समारोह हुए, जिसमें उपस्थित लोगों की संख्या सीमित थी। हम विभिन्न जिलों में रामलीला समितियों के साथ नियमित संपर्क में हैं। इस तरह के एहतियातन उपाय त्योहारों के उत्साह को कभी खराब नहीं कर सकते। कुछ लोग अज्ञात कारणों से इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं।’
केजरीवाल से पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने नवरात्रि के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा जारी निषेधाज्ञा को ‘तुगलकी फरमान’ करार दिया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की थी। दिल्ली के मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘यह आदेश हास्यास्पद और गैरजिम्मेदाराना है। यह हिंदुओं के त्योहारों पर प्रतिबंध लगाने, अराजकता पैदा करने और दिल्ली के लोगों को परेशान करने के लिए जारी किया गया है।’ बता दें कि दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कानून एवं व्यवस्था का हवाला देते हुए अगले छह दिनों के लिए शहर के मध्य और सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी विरोध प्रदर्शन या पांच और उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने के खिलाफ निषेधाज्ञा जारी की थी।
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