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– फोटो : amar ujala
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पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की फील्ड हॉस्टल में हुई बैठक में खंड और सर्कल में दो से तीन महीने काम करने के बाद ही अभियंताओं के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही किए जाने पर आक्रोश जताया गया। संगठन के पदाधिकारी ने कहा कि 3 महीने में डिवीजन को समझने में लगता है और उतने में प्रबंधन निलंबन की कार्रवाई करके अभियंताओं को हतोत्साहित करने का प्रयास कर रहा है। एसोसिएशन ने सरकार से मांग की कि ऊर्जा विभाग में भय के माहौल को खत्म कराए।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति की बैठक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें याद करते हुए बिजली कंपनियां की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई। बैठक में बिजली कंपनियों में अनावश्यक रूप से छोटे-छोटे मामलों में अभियंताओं के निलंबन पर नाराजगी जताई गई। निलंबन का ओचित्त ना होते हुए भी अभियंताओं का निलंबन किया जा रहा है जिससे पूरे पावर कॉरपोरेशन व बिजली निगम में अभियंताओं में काफी निराशा व्याप्त होती जा रही है।
छोटे-छोटे मामलों में निलंबन की कार्रवाई से ऐसा लग रहा है कि जैसे बिजली कंपनियों में भय का माहौल स्थापित किया जा रहा है। अभियंताओं न सवाल उठता कि भय का माहौल स्थापित करने से ना तो राजस्व में बढ़ोतरी होगी और ना लाइन हानियां में कमी होगी। इससे उपभोक्ता सेवा में भी सुधार नहीं होगा । अचानक की जा रही निलंबन की कार्यवाही पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई। संगठन के पदाधिकारी ने कहा कि निलंबन की कार्यवाही की समीक्षा की जए तो स्थिति अपने आप साफ हो जाएगी। क्योंकि कई ऐसे अभियंताओं को निलंबित नहीं किया गया जिनका 6 से साल भर के बीच की प्रगति खराब है, जबकि दो से तीन महीने के कार्यकाल वाले तमाम अभियंताओं को चिन्हित कर निलंबित किया जा रहा है।
जाति के आधार पर चिन्हित कर कारवाई किया जाना किसी भी कीमत पर उचित नहीं है। बैठक को उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर, अनिल कुमार, आरपी केन, अजय कुमार, बिंदा प्रसाद, मनोज कुमार , सुशील कुमार वर्मा, भजनलाल , अशोक प्रभाकर, अजय कुमार, बृजेश कुमार ने संबोधित किया।
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