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विनेश ने कहा कि मैं हमेशा आपके हक के लिए आगे खड़ी रहूंगी। बीजेपी ने जो सलूक हमारे साथ किया, उससे हम पूरी तरीके से टूट गए थे। देश छोड़ने का मन कर रहा था। इसके बाद प्रियंका गांधी ने हमसे मुलाकात की और उन्होंने हमें हौसला दिया।
हरियाणा के जींद जिले की जुलाना विधान सभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी विनेश फोगाट ने अपने बारे में एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि वह देश छोड़ने का मन बना रही थीं लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की वजह से उन्होंने अपना मन बदल दिया। जुलाना में प्रियंका गांधी ने आज बड़ी रैली की। इस दौरान विनेश फोगाट ने कहा कि जब वह जंतर-मंतर पर बैठी थीं, तब प्रियंका गांधी ने उनका और साथी खिलाड़ियों का साथ दिया था। फोगाट ने कहा कि उनका वह संघर्ष आज भी जारी है। विनेश ने कहा, “मैं हमेशा आपके हक के लिए आगे खड़ी रहूंगी। बीजेपी ने जो सलूक हमारे साथ किया, उससे हम पूरी तरीके से टूट गए थे। देश छोड़ने का मन कर रहा था। इसके बाद प्रियंका गांधी ने हमसे मुलाकात की और उन्होंने हमें हौसला दिया।”
विनेश ने कहा कि हमें यही लगा था कि बुरे लोगों के कारण हमारा कुछ अच्छा नहीं हो सकता, लेकिन दीदी ने हौसला दिया और देश से इतना प्यार मिला, जो आज तक नहीं मिल सका था। कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि जब तिरंगा हमारे सामने पैरों से रौंदा जा रहा था तो हमें बहुत दुख हुआ था। तब भी प्रियंका गांधी ने ही हमें हौसला दिया था। जब एक कमरे में बंद होकर टूटकर मैं रो रही थी और जब बाहर निकली तो एक दुर्गा का रुप लेकर निकली। इसमें सबसे ज्यादा हाथ प्रियंका दीदी का है।
हरियाणा से हमारा रिश्ता बहुत गहरा: प्रियंका गांधी
रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि बहनों हरियाणा प्रदेश किसानों का प्रदेश है। आठ साल पहले मेरी बेटी 15-16 साल की थी, तब मेरी बेटी हरियाणा के लिए बास्केटबॉल खेली। जब उसको यहां आना था, सर्दी का समय था, मैं चाहती थी कि वह यहां आए। मैं यहां आई, जींद के पास की जगह थी, जहां कोचिंग सेंटर था। मुझे लगा कि कैंप में जाऊंगी तो सबको पता चलेगा कि वह मेरी बेटी है। मैंने दूर ही बेटी को छोड़ दिया। मैंने खेत में एक दादा जी को देखा तो मैं खेत में चली गई उनसे बात करने। दादा जी कटाई कर रहे थे। मैंने थोड़ी कटाई उनके साथ कर ली। उन्होंने मुझे नहीं पहचाना। दादा जी ने कहा कि बेटा चलो घर चलो, कुछ आराम कर लेना। मैं भी उनके साथ घर चली गई। उन्होंने मुझे खाना खिलाया, चाय पिलाई। चार घंटे मैं उनके घर रही। अचानक उनका बेटा आ गया और उन्होंने मुझे पहचान लिया। तब मुझे बताना पड़ा कि मैं प्रियंका गांधी हूं। आसपास के लोगों को पता चला तो काफी लोग आ गए। आज भी दादा जी और उनके बेटे मनोज मुझसे मिलने आते हैं। आज तक उन्होंने मुझसे कुछ भी नहीं मांगा। यही है हरियाणा की संस्कृति और संस्कार। यही हरियाणा की खासियत है। जो आपका प्रदेश है और मेरा परिवार है, हमारा रिश्ता बहुत गहरा है।
भाजपा ने तोड़ा विनेश का भरोसा
प्रियंका ने कहा कि विनेश ने संघर्ष किया। वह लड़ीं और ओलिंपिक तक पहुंचीं। संघर्ष का फल मिला, मेडल भी मिला। प्रधानमंत्री ने घर बुलाया, चाय पिलाई। भाजपा के तमाम नेताओं ने बहुत कुछ कहा। हम सबको भी गर्व महसूस हुआ, लेकिन फिर क्या हुआ? विनेश का भरोसा तोड़ा गया। क्यों टूटा? क्यो विनेश और उसके साथियों के साथ अन्याय किया गया। विनेश अन्याय के खिलाफ खड़ी हो गई क्योंकि हरियाणा का ये स्वभाव है। प्रियंका ने कहा कि आप सब जानते हैं, यहीं से भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का संदेश दिया। उन्होंने कहा था कि जब-जब अन्याय होगा तब-तब मैं प्रकट होऊंगा और अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे। जब हम विनेश की बात करते हैं, तो यह एक का संघर्ष नहीं था। सबका संघर्ष था।आज महात्मा गांधी जी का जन्मदिन है। हमें उनकी एक बात याद आती है कि सत्यमेव जयते। उन्हें यह बात गीता से मिली थी।
उन फसलों पर MSP देते हैं, जो आप उगाते ही नहीं
बीजेपी पर हमला बोलते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों के साथ कितना अन्याय हुआ। तीन काले कानून लाने वाले मोदी जी अपने घर से बाहर नहीं आए। वह ऐसे कानून बनाने जा रहे थे जिससे आपके पेट पर लात पड़ती। इन कानूनों से उद्योगपतियों को लाभ होना था, इसलिए वह उनको ला रहे थे। किसान शहीद हुए, ये हिले नहीं। हिले तब उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव आया। तब इन्होंने उन कानूनों को वापस लिया। वे लोग एमएसपी की बात करते हैं और उन फसलों पर एमएसपी देते हैं, जो आप यहां उगाते ही नहीं है। ये बेवकूफ बना रहे हैं।
प्रियंका ने कहा कि रोजगार के मामले में हरियाणा सबसे पीछे हो गया है। रोजगार होगा कहां? इन्होंने सब अडानी-अंबानी को दे दिया है। इन्होंने खेती किसानी को खत्म कर दिया है। इनकी नीतियां किसानों के खिलाफ हैं। इसलिए अग्निवीर जैसी स्कीम लाते हैं। प्रियंका ने कहा कि आपको एक फैमिली आईडी दे दी। हर परिवार की आदमनी पूछते हैं। जब से ये आईडी आई, तब से झूठी आमदनी दिखाकर उनकी सुविधाएं छीन ली हैं। ये गुमराह कर रहे हैं दस सालों से। इस अन्याय के खिलाफ खड़े होने का समय आ गया है।
(रिपोर्ट: मोनी देवी)
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