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ओडिशा के राज्यपाल और भाजपा के कद्दावर नेता रघुवर दास की झारखंड की सियासत में वापसी को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। इन अटकलों पर भाजपा नेता निशिकांत दुबे का बयान सामने आया है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास जो मौजूदा वक्त में ओडिशा के राज्यपाल हैं, उनकी सूबे की सियासत में वापसी को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए हैं। दरअसल, भाजपा झारखंड के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को भुवनेश्वर राजभवन में रघुवर दास से मुलाकात की थी। इसके बाद रघुवर दास दिल्ली रवाना हुए थे। वहां उनके राष्ट्रीय नेताओं के साथ मेल-मुलाकात की चर्चाएं थीं। कयास लगाए जाने लगे थे कि राज्यपाल पद से रघुवर दास का इस्तीफा लिया जा सकता है। इन अटकलों के बीच इस विषय पर भाजपा के कद्दावर नेता निशिकांत दुबे का बयान सामने आया है।
सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा- ‘भाजपा में कोई कन्फ्यूजन नहीं है। केंद्रीय नेतृत्व ने माननीय रघुवर दास जी को उड़ीसा का राज्यपाल बनाया है। पहली बार उड़ीसा में अपने दम पर हमारी सरकार बनी है। रघुवर जी को झारखंड सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष रहने के कारण बहुत अनुभव है, इसलिए वह उड़ीसा में नई सरकार को मार्ग दर्शन देते रहेंगे। जहां तक सरयू राय जी का सवाल है, अब वो जदयू में हैं। दोनों पार्टियों का नेतृत्व गठबंधन के तहत जो भी निर्णय लेगा वही अंतिम होगा। इस तरह की अटकलें हेमंत सोरेन की सरकार के भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने की कोशिशें हैं।
इस बीच हिमंता बिश्वा सरमा ने कहा कि यदि भाजपा झारखंड में सत्ता में आती है तो वह राज्य के कोल्हान और संथाल परगना प्रमंडलों में एनआरसी लागू करेगी। झारखंड में भाजपा की सरकार आने के बाद गरीबों के लिए 5 लाख मकान बनाए जाएंगे। पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को रांची के टाटीसिलवई में भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ को संबोधित करते हुए हिमंता बिश्वा सरमा ने दावा किया कि संथाल परगना और कोल्हान प्रमंडल में घुसपैठिये कब्जा कर रहे हैं। झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों की आबादी बढ़ रही जबकि आदिवासी समाज की आबादी तेजी से घट रही है।
(पीटीआई और हिन्दुस्तान संवाददाता के इनपुट पर आधारित)
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