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कंकाल निकालने के लिए घर के बरामदे में खोदाई करते मजदूर
– फोटो : संवाद
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मुरसान क्षेत्र के गांव गिलोंदपुर में 30 साल बाद घर के आंगन में खोदाई के बाद बरामद किए गए बुद्ध सिंह के कंकाल के साथ उनके भाई मिहीलाल और बेटे पंजाबी सिंह का डीएनए नमूना जांच के लिए 30 सितंबर को प्रयोगशाला भेज दिया गया। पुलिस अन्य परिजनों के डीएनए के नमूने भी लेने की तैयारी कर रही है।
गौरतलब है कि बुद्ध सिंह के सबसे छोटे बेटे पंजाबी सिंह की शिकायत पर 26 सितंबर को पुलिस ने घर में खोदाई के दौरान कंकाल बरामद किया था। कंकाल बुद्ध सिंह का ही है, यह पता करने के लिए पुलिस ने शनिवार को पंजाबी सिंह और बुद्ध सिंह के भाई मिहीलाल के डीएनए का नमूना लिया था। पुलिस का कहना है कि कंकाल की पहचान होते ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गांव गिलोंदपुर निवासी पंजाबी सिंह ने एसपी से शिकायत की थी कि 30 वर्ष पूर्व उनके भाई प्रदीप व मुकेश उर्फ खन्ना ने मां उर्मिला देवी और गांव के ही राजवीर पुत्र चरण सिंह उर्फ बग्गा के साथ मिलकर उनके पिता बुद्ध सिंह की हत्या कर दी थी और शव को जमीन में दफना दिया था। पंजाबी सिंह का कहना है कि राजवीर का उनके घर पर आना-जाना था। इसका विरोध उनके पिता बुद्ध सिंह करते थे। राजवीर का साथ उनके भाई प्रदीप व मुकेश वर्मा, मां उर्मिला देती थी।
पंजाबी सिंह का कहना है कि वह अपने पिता के साथ सोते थे, लेकिन हत्या वाले दिन मां उर्मिला देवी व राजवीर ने मिलकर उन्हें दूसरे मकान में सोने के लिए दोनों भाइयों के साथ भेज दिया था। रात को जब उन्हें नींद नहीं आई तो वह अपने मकान पर आए तो उन्होंने देखा कि मां, दोनों भाइयों और राजवीर ने मिलकर उनके पिता को मुंह में कपड़ा ठूसकर और गला दबाकर जान से मार दिया और शव को छुपाने के लिए मकान में गड्ढा खोदकर दबा दिया था। उस समय पंजाबी सिंह की उम्र करीब नौ वर्ष थी। भाइयों ने उन्हें डरा-धमका दिया था। धीरे-धीरे वह उन बातों को वह भूल चुके थे, लेकिन एक जुलाई को भाइयों ने उन्हें पीटा और फिर से हत्या करने की बात दोहराई तो पंजाबी सिंह ने अपनी जान को खतरा महसूस करते हुए पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत कर दी।
दिनभर गांव में खुलेआम घूमता रहा आरोपी
पंजाबी सिंह द्वारा मुकदमा दर्ज कराने के बाद पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। सोमवार को गांव गिलोंदपुर निवासी आरोपी खुलेआम गांव में घूमता रहा है। यह बात गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है कि हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपी खुलेआम कैसे घूम रहा है।
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