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हरियाणा के पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला ने दावा किया कि चुनाव में BJP ने इनेलो और हलोपा से अंडरग्राउंड गठबंधन किया है। इसी वजह से भाजपा ने इनेलो को 3 सीटें दे दी और बाकी जगह उम्मीदवार खड़े करा दिए ताकि भूपेंद्र हुड्डा के वोट काटे जा सकें।
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चौटाला ने कहा कि हलोपा प्रमुख गोपाल कांडा की इमेज गीतिका सुसाइड कांड से है। उससे हाथ मिलाने से भाजपा और इनेलो की साख गिरेगी। BJP के टिकट न देने पर रानियां से निर्दलीय लड़ रहे चौटाला ने कहा कि उनके पास ब्लाइंड सपोर्टर हैं।
कुलदीप बिश्नोई पर पलटवार करते हुए चौटाला ने कहा कि वे मेरी जगह हिसार से लड़ते तो बुरी तरह चुनाव हारते। कुलदीप ने भास्कर को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि वे हिसार लोकसभा लड़ते तो प्रदेश की सबसे बड़ी जीत होती। चौटाला ने ये भी कहा कि बिश्नोई परिवार लोगों के फोन तक नहीं उठाता।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच दैनिक भास्कर ने रणजीत चौटाला से सिरसा में भाजपा उम्मीदवार वापस लेना समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…
सवाल: रानियां सीट पर आपका इलेक्शन कैसा चल रहा है? रणजीत चौटाला : देखिए, यहां मेरे ब्लाइंड सपोर्टर हैं। उनका किसी पार्टी से लेना देना नहीं है। पिछली बार रानियां से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा तो यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों राष्ट्रीय पार्टी थीं। इनेलो और जजपा क्षेत्रीय पार्टी थीं। चारों की जमानत जब्त हुई। मैं 25 हजार से चुनाव जीता।
इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा में चला गया। पहले तो मैं एक नंबर कैंडिडेट था, लेकिन 3 महीने बाद विधानसभा का टिकट काट दिया। लोगों के कहने पर मैं फिर निर्दलीय खड़ा हो गया।
सवाल: कौन से मुद्दे लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं? रणजीत चौटाला : मैंने 30 गांव तक घग्गर नदी का पानी पहुंचाया है, जो कभी हो नहीं सकता था। डार्क जोन था, उसे तोड़कर ओपन कर दिया। किसानों को 24 घंटे बिजली और पानी की व्यवस्था की। घग्गर यहां सबसे बड़ी नदी है, जिसके ऊपर कभी चौधरी देवीलाल ने 2 पुल बनवाए थे। मैंने भी 2 पुल बनाए हैं, जो 14 और 11 करोड़ रुपए के बने हैं। इसके अलावा, गांव की गलियां, कम्युनिटी सेंटर, खेतों के कच्चे रास्ते जैसी सुविधाएं दीं। मेरी लोगों में सबसे ज्यादा अवेलेबिलिटी है।
सवाल: भाजपा ने यहां शीशपाल कंबोज को टिकट दिया है। उन्हें कमजोर कैंडिडेट कहा जा रहा है? रणजीत चौटाला : देखिए, इनेलो, भाजपा और हलोपा का मिलकर गठबंधन है। जिसमें इनेलो को 3 सीटें कंसेशन में दी गई है कि वो जीत जाए। इसमें एक सीट अभय (ऐलनाबाद) के लिए, दूसरी बेटे (रानियां) के लिए और एक इनका कजिन (डबवाली) है। 3 सीटें उसने मांगी है, इसके बदले इनेलो से उम्मीदवार खड़े करा दिए कि हुड्डा का वोट बैंक काटेंगे। भाजपा ने अंडरग्राउंड समझौता करके इसे ओपन कर दिया। हलोपा और भाजपा से गठबंधन कर इनेलो की पोजिशन काफी डाउन चली गई।
सवाल: कुलदीप बिश्नोई का कहना है कि उन्हें हिसार से लोकसभा से भाजपा का टिकट मिलता तो रिकॉर्ड वोटों से जीतते। क्या कहना चाहेंगे? रणजीत चौटाला : मैं ये नही मानता। वह पहले दुष्यंत से चुनाव हार चुके हैं। एक भी किसान वोट नहीं मिलना था। मुझे तो मिल गया। वह बुरी तरह हारते।
सवाल: आपके भाजपा हाईकमान से अच्छे संबंध हैं। चुनाव जीतने के बाद क्या दोबारा BJP के साथ जाने की प्लानिंग है? रणजीत चौटाला : देखिए, मुझे मेरे मतदाताओं ने बनाया है। रानियां हलके के लोगों ने मुझे जिताया है। पिछली बार भी मैं उनसे पूछकर गया था। इस बार भी इनसे पूछकर ही जाऊंगा। वे ही मुझे लेकर जाएंगे।
सवाल: आदमपुर में कांग्रेस ने पूर्व IAS अधिकारी चंद्रप्रकाश को टिकट दिया है। वह भी ओबीसी समाज से आते हैं। भव्य बिश्नोई के इलेक्शन को आप कैसे देख रहे हैं? रणजीत चौटाला : सुनने में आ रहा है कि वहां मुकाबला टफ हो गया है। बैकवर्ड और जाट एक तरफ हैं। सिर्फ बिश्नोई समाज के दम पर चुनाव जीतना मुश्किल लगता है। उनका 90 सीटों में सबसे कम आदमपुर में आना-जाना रहता है। वहां मिलते ही नहीं, लोगों के फोन तक नहीं उठाते।
सवाल: आपने कहा था कि इस बार भी निर्दलियों के समर्थन से ही सरकार बनेगी। क्या आप सभी आजाद प्रत्याशियों का एक गठजोड़ बनाना चाहेंगे? रणजीत चौटाला : मैंने ये नहीं कहा कि सरकार बनेगी। मैंने ये कहा कि निर्दलीय सबसे ज्यादा संख्या में जीतकर आएंगे। मैं इन्हें 20 से ऊपर मानता हूं। सरकार बनने में निर्दलियों का बड़ा रोल हो सकता है। हर निर्दलीय विधायक अपना-अपना फैसला करेगा कि उन्हें किसकी तरफ जाना है। मैं किसी की जिम्मेदारी नहीं ले सकता।
सवाल: रानियां के वोटरों को क्या कहना चाहेंगे? रणजीत चौटाला : मैं उन्हें ये कहना चाहूंगा कि मैंने पहले उनकी बहुत सेवा की है। वे अपना मतदान का पूरा इस्तेमाल करें।
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