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लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली तक मार्च करने वाले जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित करीब 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमा पर हिरासत में लिया है। इसी बीच आतिशी ने ऐलान किया है कि वह वांगचुक से मिलने जाएंगी।
लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च करने वाले जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित लद्दाख के करीब 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमा पर हिरासत में लिया गया है। इसे लेकर विपक्षी नेता लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं। इसी बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने ऐलान किया है कि वह दोपहर एक बजे वांगचुक से मिलने बवाना थाने जाएंगी। वहीं उन्होंने पूछा है कि क्या लद्दाख के लोकतांत्रिक अधिकार मांगना गलत है?
आतिशी ने एक्स पर लिखा, ‘सोनम वांगचुक और हमारे 150 लद्दाखी भाई-बहन शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली आ रहे थे। उनको पुलिस ने रोक लिया है। कल रात से बवाना थाने में कैद हैं। क्या लद्दाख के लोकतांत्रिक अधिकार मांगना गलत है? क्या 2 अक्तूबर को सत्याग्रहियों का गांधी समाधि जाना गलत है? सोनम वांगचुक जी को रोकना तानाशाही है। आज दोपहर 1 बजे मैं उनसे मिलने बवाना थाने जाऊंगी।’ जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके साथी लद्दाख से चंडीगढ़ होते हुए रात को सिंघु बॉर्डर पहुंचे जहां से उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
वहीं पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘पहले तो लद्दाख के लोगों से राज्य का दर्जा छीनकर उसे यूनियन टेरेटरी- UT बना दिया और अब जब लद्दाख के कुछ लोग अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में राजघाट तक पैदल आ रहे हैं तो उन्हें बॉर्डर पर पकड़कर थाने में बंद कर दिया। बीजेपी धीरे धीरे देश के हर एक राज्य को UT में बदलने के फार्मूले पर काम कर रही है। और इस तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने वालों को पकड़कर जेलों में डाल रही है। सोनम वांगचुक आज जो आवाज उठा रहे हैं यह देश की आवाज है।’
इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और अन्य लद्दाख वासियों को हिरासत में लिया जाना ‘अस्वीकार्य’ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लद्दाख की आवाज सुननी होगी। गांधी ने एक्स पर लिखा, ‘पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे सोनम वांगचुक जी और लद्दाख के सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया जाना अस्वीकार्य है। मोदी जी, किसानों के मामले की तरह यह चक्रव्यूह भी टूटेगा और आपका अहंकार भी टूटेगा। आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी।’
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