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अतरौली में डीएपी के लिए लाइन में लगे किसान
– फोटो : संवाद
वक्त सुबह पांच बजे का था। अतरौली के पीसीएफ केंद्र पर डीएपी खाद के लिए पहुंची महिलाओं की लाइन थी। प्रेमवती, संतोष, होशियारी, आशा और शीला तो अपने साथ दोपहर का खाना भी बांधकर लाईं थीं। पूछने पर प्रेमवती ने कहा कि तीन दिन से आ रहे हैं। अभी तक खाद नहीं मिली है। नयागांव की जयमंती तो अपनी जेठानी लोंगश्री, देवरानी गीता और बहू रेखा के साथ डीएपी लेनी पहुंची थीं।
केंद्र पर कासमपुर, गदाईपुर, जखेरा, कमालपुर, जगतपुर, खानपुर, रायपुर, धूमसिंह समेत 10 से भी ज्यादा गांवों की महिलाओं की भीड़ थी। यह सभी घर का सारा कामकाज छोड़कर खाद के लिए पहुंच गईं थीं। हालांकि अभी किसी फसल की बुवाई नहीं हो रही है लेकिन खाद के लिए अभी से मारामारी है। जब कुछ महिलाओं से पूछा तो उनका कहना था कि पिछले साल डीएपी मिला नहीं था। इसलिए अभी से लेकर रख लेंगे तो आसानी की बुवाई हो सकेगी।
महिलाओं के पास खड़े किसान राजेंद्र सिंह और दुष्यंत बोले, पिछले साल जो बड़े किसान थे उन्हें केवल खाद मिला था। छोटे किसान तो बस इंतजार में ही रह गए थे। किसान उदयपाल राघव, रामभान सिंह, गिरीश चौधरी ने बताया कि अभी धान की कटाई का कार्य चल रहा है। गेहूं, सरसों और आलू की बुआई में 15 से 20 दिन का समय है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से रबी के सीजन में डीएपी की किल्लत रही है। इसलिए पहले से घर पर खाद रखी रहेगी तो चिंता नहीं रहेगी। समय से बुवाई हो सकेगी।
किसान धैर्य बनाए रखें। डीएपी की कहीं कोई कमी नहीं है। सभी जगह भरपूर भंडार है। किसान अभी से खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। आने वाले समय में डीएपी की समस्या दूर हो जाएगी।- विनय कुमार सिंह, पीसीएफ केंद्र प्रभारी।
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