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राम रहीम साध्वियों के यौन शोषण और कत्ल केस में 20 साल की कैद काट रहा है। – फाइल फोटो
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच सोमवार, 30 सितंबर को चुनाव आयोग ने डेरा सच्चा प्रमुख राम रहीम की पैरोल को मंजूर कर दिया। हालांकि, आयोग ने 3 शर्तें लगाई हैं।
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पहली: जेल से बाहर आने के बाद हरियाणा में नहीं रहेगा। दूसरी: कोई भी पॉलिटिकल एक्टिविटी में शामिल नहीं होगा। तीसरी: सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार नहीं करेगा।
चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार से कहा गया है कि अगर वे आचार संहिता या शर्तों का उल्लंघन करता है तो पैरोल तुरंत कैंसिल कर दी जाएगी।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। रिजल्ट 5 अक्टूबर को आएगा। इसी वजह से राम रहीम की पैरोल को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इसका हरियाणा की 36 सीटों पर असर है।
यौन शोषण और मर्डर केस में राम-रहीम रोहतक जेल में सजा काट रहा है। राम रहीम पैरोल के दौरान उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहेगा।
पिछली बार 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था राम रहीम साध्वियों के यौन शोषण और मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम 20 साल की कैद काट रहा है। उसने हाल ही में सरकार से इमरजेंसी पैरोल मांगी थी। जेल विभाग को आवेदन कर 20 दिन की पैरोल देने के लिए कहा। इस दौरान उसने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहने की बात कही। इससे पहले राम रहीम अगस्त में 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था।
2 केस में कैद, एक में बरी हो चुका राम रहीम राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में दोषी ठहराया गया था। इसी साल 27 अगस्त को उसे गिरफ्तार किया गया। इस केस में 28 अगस्त 2017 को उसे 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।
उसे 11 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया और 17 जनवरी 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। उसे 2021 में रणजीत सिंह हत्याकांड में भी दोषी ठहराते हुए उम्रकैद दी गई थी। हालांकि इसी साल 28 मई को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में उसे बरी कर दिया।
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