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झारखंड में दुर्गोत्सव के बाद तक मॉनसून कायम रह सकता है। पूजा उत्सव में बीच-बीच में हल्की बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, रांची समेत राज्य के विभिन्न भागों में दो से 10 अक्टूबर तक हल्के बादल छाएंगे और बीच-बीच में बारिश भी हो सकती है। दुर्गोत्सव तीन अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ शुरू होगा। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में 15 अक्टूबर तक मॉनसून की वापसी हो सकती है। पिछले वर्ष इसकी वापसी 21 अक्टूबर को हुई थी।
27 सितंबर से 10 अक्टूबर तक हथिया नक्षत्र
दुर्गा पूजा के दौरान 10 अक्टूबर तक हस्त नक्षत्र (हथिया नक्षत्र) भी रहेगा। हस्त नक्षत्र की अवधि 27 सितंबर से शुरू हो चुकी है, जो 10 अक्टूबर तक चलेगी। पंडित रामदेव पांडेय ने बताया कि इस नक्षत्र में बारिश का योग है, इसलिए दुर्गा पूजा के दौरान बारिश होने का योग है। 11 अक्टूबर से चित्रा नक्षत्र का प्रवेश हो रहा है। हथिया नक्षत्र में कभी-कभी लंबी अवधि की बारिश होती है। इस बार शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन दुर्गा माता नाव पर सवार होकर आ रहीं हैं। इसमें भी बारिश का योग है। 11 से चढ़ने वाला चित्रा नक्षत्र में भी हल्की बारिश का योग बना है।
राज्य से अक्टूबर के मध्य तक मॉनसून की वापसी
मौसम विभाग की गणना के अनुसार, राज्य में मॉनसून का सीजन 1 जून से 30 सितंबर तक है। इस लिहाज से झारखंड में मॉनसून की अवधि 30 सितंबर तक ही मानी जाएगी। विभाग के अनुसार देश के पश्चिमी भागों से मॉनसून वापसी छह दिन पहले से शुरू हुई है। इस लिहाज से झारखंड से इसकी वापसी अक्टूबर के मध्य तक हो सकती है।
राज्य में 1 कम बारिश, कई जिलों में 15 अधिक
आधिकारिक रूप से झारखंड में मानसून इस साल सामान्य रहा। इस बार एक जून से 30 सितंबर तक की अवधि में झारखंड में 1011 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 1018.3 मिमी से महज एक फीसदी कम है। जबकि, राज्य में रांची समेत पांच जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इसमें धनबाद में 32 फीसदी, गढ़वा में 23, लातेहार में 22, रांची में 18, पलामू में 16 और बोकारो में 15 फीसदी अधिक बारिश हुई है। गिरिडीह, कोडरमा, खूंटी, सरायकेला, सिमडेगा, दुमका जिलों में एक से लेकर 14 फीसदी अधिक बारिश हुई।
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