[ad_1]
नांगलोई में कांस्टेबल संदीप की मौत के मामले में पुलिस ने एक आरोपी रजनीश को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दावा किया कि कांस्टेबल ने युवकों को कार धीमी चलाने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने पीछे से बाइक में टक्कर मारकर मार डाला।
नांगलोई में कांस्टेबल संदीप की मौत के मामले में पुलिस ने एक आरोपी रजनीश को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दावा किया कि कांस्टेबल ने युवकों को कार धीमी चलाने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने पीछे से बाइक में टक्कर मारकर मार डाला। पुलिस दूसरे आरोपी की तलाश कर रही है। जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी ने बताया कि 25 वर्षीय रजनीश और धर्मेंद्र गुलिया दोनों वीना एंक्लेव में रहते हैं। रजनीश की लकड़ी की दुकान है, जबकि धर्मेंद्र का खर्च मकानों के किराए से चलता है।
धर्मेंद्र ने अपने पड़ोसी अमित की कार घूमने के लिए ली थी। इसके बाद वह रजनीश के साथ देर रात कार में बैठकर गलियों में घूमते हुए शराब पी रहे थे। इस दौरान कांस्टेबल संदीप गश्त करते हुए गुजरा तो उसने लापरवाही से वाहन चला रहे धर्मेंद्र को आराम से चलने के संकेत दिए। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के अनुसार, संदीप की बाइक जैसे ही आगे बढ़ी तो धर्मेंद्र ने कार की रफ्तार बढ़ा दी और बाइक को टक्कर मार दी। फुटेज में संदीप के दो सहकर्मी बाइक खड़ी कर दौड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
कार लावारिस छोड़कर भागे
पुलिस को आता देखकर धर्मेंद्र ने कार की रफ्तार बढ़ा दी, लेकिन गली में खड़ी एक और कार को टक्कर मार दी। इसके बाद दोनों पैदल भाग निकले। पुलिस को कार सड़क किनारे लावारिस अवस्था में खड़ी मिली, जिसे जब्त कर लिया है। वह वीना एंक्लेव निवासी अमित कुमार के नाम पर पंजीकृत है।
दूसरे फोन से पकड़ा गया
पुलिस अधिकारी ने बताया कि फुटेज के जरिए कार सवारों की पहचान की गई। इसके बाद उनकी तलाश शुरू की, लेकिन रजनीश ने अपना फोन बंद कर लिया था। पुलिस ने आरोपी के रिश्तेदारों के फोन खंगालकर उसका दूसरा मोबाइल नंबर तलाशा। इसके जरिए नोएडा में छिपे रजनीश को पकड़ लिया।
सिर में चोट लगने से मौत
पुलिस ने डॉक्टरों के हवाले से बताया कि संदीप के सिर में गहरी चोट लगी थी। इस वजह से उसकी मौत हो गई।
परिवार बेसहारा हुआ
30 वर्षीय कांस्टेबल संदीप का परिवार सोनीपत स्थित गांव में रहता है। वह वर्ष 2018 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था। परिवार में माता-पिता, पत्नी और पांच साल का बेटा है। संदीप के चचेरे भाई हितेश ने बताया कि उन्हें तड़के तीन बजे चोट लगने की खबर दी गई। वे सुबह करीब पांच बजे पहुंचे तो मौत की जानकारी हुई। हितेश ने बताया कि संदीप अपने बेटे को आईपीएस अधिकारी बनाना चाहता था। वह बेटे की पढ़ाई को लेकर बेहद जागरूक था। संदीप की मौत से परिवार बेसहारा हो गया है। इसके बाद पैतृक गांव में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
[ad_2]
Source link