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AJSU-JDU के साथ BJP लड़ेगी झारखंड विधानसभा चुनाव, बोले – हिमंता
चुनाव आयोग के झारखंड दौरे और विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच बीजेपी की ओर से बड़ी बात सामने आई है। राज्य में बीजेपी किस मोड में चुनाव लड़ेगी, इसका खुलासा चुनाव सह प्रभारी और असम के सीएम हेमंता विश्वा शरमा ने कर दी है।
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झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि बीजेपी का झारखंड विधानसभा चुनाव में आजसू और जदयू के साथ गठबंधन होगा। सीट शेयरिंग 99 फीसदी हो चुका है। एक-दो सीटों को लेकर चर्चा करना बाकि है। पितृपक्ष समाप्त होते ही गठबंधन का ऐलान कर दिया जाएगा।
भाजपा के 14 उम्मीदवारों के नाम पर सहमति बीते दिनों भाजपा की रायशुमारी के बाद पार्टी ने 14 उम्मीदवारों के नाम पर सहमति बनाई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी राजधनवार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। वे अभी इसी सीट से विधायक हैं। वहीं सीता सोरेन को जामताड़ा से प्रत्याशी बनाया जाएगा। मरांडी के नाम पर सहमति बन चुकी है। मूल रूप से ओडिशा की होने के कारण सीता सोरेन आदिवासी सीट से चुनाव नहीं लड़ सकतीं। इसलिए भाजपा ने उन्हें सामान्य सीट जामताड़ा से चुनाव मैदान में उतारने का मन बनाया है।
अभी तक की जानकारी के मुताबिक राजधनवार से बाबूलाल का नाम सबसे ऊपर है, लेकिन जामताड़ा में सीता के समर्थन अन्य लोगों की तुलना में कुछ कम है। इसी बीच पार्टी ने तय किया है कि प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण बाबूलाल अपनी पसंद की सीट से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इससे पहले मरांडी के दुमका से चुनाव लड़ने पर चर्चा हुई थी, लेकिन ऐसे में लुईस मरांडी और सुनील सोरेन में से किसी का टिकट कट जाता।
इनका नाम लगभग तय राजधनवार : बाबूलाल मरांडी दुमका : लुईस मरांडी शिकारीपाड़ा : परितोष सोरेन जामताड़ा : सीता सोरेन जामा : सुनील सोरेन खूंटी : नीलकंठ सिंह मुंडा सरायकेला : चंपाई सोरेन जगन्नाथपुर : गीता कोड़ा सिसई : अरुण उरांव घाटशिला : बाबूलाल सोरेन गुमला : मिसिर कुजूर राजमहल : अनंत ओझा गोड्डा : अमित मंडल भवनाथपुर : भानु प्रताप शाही
सीएम के पत्र का देंगे जवाब असम में रह रहे झारखंड के आदिवासियों को आदिवासी का दर्जा देने को लेकर सीएम हेमंत सोरेन की ओर से हिमंता को भेजे गए पत्र से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए असम के सीएम हेमंता विश्वा शरमा ने कहा कि मैं उनके पत्र का जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि इस पत्र का उत्तर वे खुद जानते हैं।
कहा कि आज हेमंत सोरेन से आप पूछिए कि कल्पना सोरेन राज्य के किसी भी आदिवासी सीट से चुनाव क्यों नहीं लड़ सकती है। उत्तर उनके घर में ही है। उनके घर में ही उनको उत्तर मिल रहा है। फिर भी उन्होंने लिखित जवाब मांगा है, यह मैं दूंगा। थोड़ा समय मिल जाए।
राज्य से घुसपैठिए निकालने के लिए एनआरसी जरूरी पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड से घुसपैठियों को निकालने के लिए एनआरसी आवश्यक है। उन्होंने यह कहा कि सरकार बनने के बाद इस पर बात होगी। मौके दिए जाएंगे। फिर जो अपनी नागरिकता का प्रमाण नहीं दे पाएंगे, उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत उनके देश वापस भेजा जाएगा। अचानक से वोटर लिस्ट में शामिल हुए लोगों की भी कुंडली एनआरसी के माध्यम से निकाली जाएगी।
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