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दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के एक सदस्य के चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के बहिष्कार के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पार्षद सुंदर सिंह तंवर ने जीत हासिल की। निगम के स्थाई समिति के चुनाव में 249 में से केवल 115 पार्षदों ने ही हिस्सा लिया।
दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के एक सदस्य के चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के बहिष्कार के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पार्षद सुंदर सिंह तंवर ने जीत हासिल की। निगम के स्थाई समिति के चुनाव में 249 में से केवल 115 पार्षदों ने ही हिस्सा लिया। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने इस चुनाव को गैर लोकतांत्रिक बताया है। सीएम का कहना है कि निगम दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (डीएमसी) एक्ट से चलता है जिसे देश कीसंसद ने बनाया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी ने कल दिल्ली नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य के चुनाव कराए। जो चुनाव कल भाजपा ने कराए वो गैर कानूनी, गैर संवैधानिक और गैर लोकतांत्रिक है। हमारा देश भारत दे संविधान से चलता है और संविधान द्वारा बनाए कानून से चलता है। दिल्ली के नगर निगम को चलाने के लिए भारत की संसद ने एक कानून पारित किया हुआ है, जो है डीएमसी 1957। इस कानून के तहत कई नियम, बाय लॉ बने हुए हैं, जिससे एमसीडी चलती है। जो इसमें सबसे महत्वपूर्ण है वो है दिल्ली नगर निगम में होने वाली कोई भी कार्यवाही एक्ट के तहत बने रेगुलेशन के तहत होंगी। इस एक्ट के रेगुलेशन में साफ लिखा है कि स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव निगम की मीटिंग में होगा। निगम की मीटिंग का समय, स्थान और तारीख तय करना सिर्फ और सिर्फ मेयर की पावर में है।’
बीजेपी के एक सदस्य के स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य बनने के बाद समिति में भाजपा को बहुमत प्राप्त हो गया है। समिति के 18 सदस्यों में भाजपा के 10 और ‘आप’के आठ सदस्य हैं। बता दें कि लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद कमलजीत सेहरावत ने स्थाई समिति के सदस्य से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद खाले हुए एक पद पर शुक्रवार को मतदान हुआ। वहीं निगम की मेयर शैली ओबेरॉय ने कमिश्नर को पत्र लिखते हुए शुक्रवार को होने वाले चुनाव को ‘अवैध और गैरकानूनी’ घोषित करने को कहा था।
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