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डॉ. गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर।
सागर के डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में वैदिक अध्ययन विभाग के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा में स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रम में प्रवेश पोर्टल शुरू कर दिया गया है। इस पाठ्यक्रम में स्नातक उत्तीर्ण छात्र बगैर सीयूईटी परीक्षा के भी प्रवेश ले सकते हैं। प्रा
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पंजीकरण का लिंक 6 अक्टूबर तक खुला रहेगा। जिन छात्रों ने स्नातक स्तर पर 55% या अधिक अंक प्राप्त किए हैं वे चाहे किसी भी विषय से स्नातक उत्तीर्ण हों, योग्यता से संबंधित विस्तृत जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है। विश्वविद्यालय की एडमिशन समिति के अध्यक्ष और वैदिक अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दिवाकर शुक्ल ने बताया कि वैदिक अध्ययन विभाग पिछले वर्ष ही शुरू हुआ है। इस विभाग में बीए(ऑनर्स) वैदिक अध्ययन, पीएचडी वैदिक अध्ययन पाठ्यक्रम पहले से ही संचालित हो रहे हैं।
हिंदू अध्ययन विषयों में पीएचडी कर सकेंगे विद्यार्थी विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा, अंतरवैषयिक अध्ययन और वैदिक ज्ञान के वैज्ञानिक आयाम को बढ़ावा देने, राष्ट्रव्यापी प्रचार की दृष्टि से इस पाठ्यक्रम को शुरू किया है। भारतीय ज्ञान परंपरा से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम करने के बाद छात्र भारतीय ज्ञान परंपरा, वैदिक अध्ययन और हिंदू अध्ययन विषयों में पीएचडी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट परीक्षा) में भी भारतीय ज्ञान परंपरा को एक विषय के रूप में शामिल किया गया था।
स्नातकोत्तर के बाद छात्र शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी भी कर सकते हैं। इसके अलावा सरकारी और निजी कंपनियों में जहां स्नातकोत्तर न्यूनतम अर्हता है, वहां भी अन्य विषयों में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त अभ्यर्थियों की तरह आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में हिंदू अध्ययन, वैदिक अध्ययन, भारतीय ज्ञान परंपरा के नवीन विभागों की स्थापना की जा रही है। इस दृष्टि से आगामी समय में इन विषयों के अध्यापन के लिए अनेक प्राध्यापकों की आवश्यकता होगी।
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