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हरियाणा की हिसार विधानसभा सीट सुर्खियों में है, क्योंकि यहां से देश की सबसे अमीर महिला और कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। सावित्री जिंदल भाजपा से टिकट मांग रही थीं, लेकिन भाजपा ने पूर्व मंत्री डॉ
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वहीं, कांग्रेस ने रामनिवास राड़ा, आम आदमी पार्टी (AAP) ने संजय सातरोडिया, इनेलो-बसपा ने श्यामलाल गर्ग, जजपा-असपा ने रवि आहुजा को उम्मीदवार बनाया है। इनके अलावा, हिसार से निवर्तमान मेयर गौतम सरदाना भी भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
हिसार विधानसभा सीट पर 1.82 लाख के करीब वोटर हैं। इनमें पुरुष 95772 और महिला मतदाता 85535 हैं। पिछले 5 चुनावों से हिसार सीट से कोई भी निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव नहीं जीता है। हालांकि इस बार लोगों का मानना है कि इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार सावित्री जिंदल में तिकोना मुकाबला है।
इस सीट पर वैश्य और पंजाबी समाज के मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है। इसके अलावा सैनी मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। डॉ. कमल गुप्ता और सावित्री जिंदल वैश्य समाज से आते हैं। रामनिवास राड़ा सैनी समाज तो गौतम सरदाना पंजाबी समाज से हैं।
लोगों के मुताबिक लगातार 2 बार विधायक रहने के बाद कमल गुप्ता के सामने एंटी इनकंबेंसी है। सावित्री जिंदल और गौतम सरदाना ने भाजपा से बागी होकर उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसे में भाजपा के वोट 3 जगह बंटेंगे। लोग बदलाव की मांग कर रहे हैं, जिससे राड़ा को फायदा मिल सकता है, लेकिन पार्टी में गुटबाजी उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है। सावित्री जिंदल भी कांग्रेसी रही हैं।
5 पॉइंट में समझें हिसार विधानसभा के समीकरण
- हिसार सीट पर पंजाबी समाज के 31 हजार, वैश्य 24 हजार, सैनी 17 हजार, जाट 16 हजार और ब्राह्मण वोटरों की संख्या करीब 11 हजार है। पिछले 3 चुनाव का ट्रेंड देखें तो पंजाबी, वैश्य और ब्राह्मण समाज के वोट से भाजपा को फायदा पहुंचा है। इस बार पंजाबी और वैश्य समाज के वोट कमल गुप्ता, सावित्री जिंदल और गौतम सरदाना में बंटेंगे। इसका सबसे ज्यादा नुकसान कमल गुप्ता होगा।
- पिछले 10 चुनावों की बात करें तो 7 बार वैश्य समुदाय से विधायक चुने गए हैं। इसके अलावा 2 बार पंजाबी समुदाय से और 1 बार सैनी समुदाय से आने वाला उम्मीदवार विधायक बना है।
- हिसार सीट पर जिंदल परिवार का दबदबा रहा है। ओमप्रकाश जिंदल 3 बार और सावित्री जिंदल 2 बार विधायक बन चुकी हैं। जिंदल परिवार की वैश्य समाज पर पकड़ के अलावा पर्सनल वोट बैंक भी है।
- इस सीट पर पिछले 5 चुनावों में जिस पार्टी का विधायक बना है, उस पार्टी की राज्य में सरकार बनी है। आखिरी बार 1996 में पंजाबी समाज से आने वाले निर्दलीय ओमप्रकाश महाजन चुनाव जीते थे। इस बार निवर्तमान मेयर गौतम सरदाना मैदान में हैं।
- लगातार 2 बार विधायक बनने के बाद कमल गुप्ता के खिलाफ कहीं न कहीं लोगों में नाराजगी है। इसका फायदा निर्दलीय उम्मीदवारों को मिल सकता है।
10 साल के काम काज पर वोट मांग रहे कमल गुप्ता डॉ. कमल गुप्ता 2014 में पहली बार विधायक बने थे। तब उन्हें मनोहर लाल खट्टर की सरकार में सीपीएस बनाया गया। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने दोबारा जीत दर्ज की। तब उन्हें निकाय मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। 2024 में नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें स्वास्थ्य और एविएशन विभाग सौंपा गया।
इस चुनाव में कमल गुप्ता अपने 10 साल के काम-काज के आधार पर वोट मांग रहे हैं। वह जनता से हिसार को बेहतर कनेक्टिविटी देने, अच्छी सड़कें, स्वच्छ पेयजल, एयरपोर्ट का निर्माण, रेल, एयरपोर्ट के कारण प्रॉपर्टी में बढ़ोतरी, हिसार को मेडिकल और एजुकेशन हब बनाने जैसे मुद्दों पर बात कर रहे हैं।
इसके अलावा हिसार में चौकों का नवीनीकरण और हिसार में बन रहे स्वागत द्वार को लोगों के बीच उठा रहे हैं। इसके साथ ही वह कांग्रेस को कुशासन को लेकर घेर रहे हैं।
अपनी पुरानी टीम के भरोसे पर सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल की हिसार ही नहीं पूरे देश में पहचान है। साल 2005 में पति ओमप्रकाश जिंदल की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद सावित्री ने राजनीति में एंट्री की। इसी साल हिसार सीट पर हुए उपचुनाव में वह विधायक बनीं। इसके बाद 2009 में कांग्रेस ने उन्हें दोबारा उम्मीदवार बनाया और जीत हासिल की। 2014 में वह भाजपा के कमल गुप्ता से चुनाव हार गईं।
इसके बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली। 2019 में उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। 2024 में उनके बेटे नवीन जिंदल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार बनाया और जीत हासिल की। विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल हिसार सीट से भाजपा से टिकट मांग रही थीं, लेकिन भाजपा ने उन्हें निकट नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया।
अब सावित्री जनता के बीच भाजपा पर हमलावर न होकर कमल गुप्ता के लोगों से कटाव को भुना रही हैं। साथ ही खस्ताहाल सड़कों, सीवरेज सिस्टम और पेयजल जैसी सुविधाओं पर बात कर रही हैं। सावित्री जिंदल प्रचार के लिए अपनी पुरानी टीम के भरोसे हैं। वह जहां खुद नहीं जा पा रहीं, वहां उनकी टीम पहुंचे रही है। महिला वोटरों को वह गुलाबी रंग के पैम्फलेट और चुनावी प्रचार सामग्री के जरिए टारगेट कर रही हैं। वह लोगों से कह रही हैं कि यह उनका आखिरी चुनाव है।
राड़ा मूलभूत सुविधाओं को लेकर भाजपा पर हमलावर
रामनिवास राड़ा सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के करीबी हैं। 2019 में भी कांग्रेस ने रामनिवास राड़ा को टिकट दिया था। तब वह करीब 16 हजार वोटों से भाजपा के कमल गुप्ता से चुनाव हार गए थे। हिसार में सैनी वोटर तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा हैं। सैनी समाज का वोट निर्णायक माना जाता है। सैनी ट्रस्ट में राड़ा परिवार के ही लोग शामिल हैं।
इस चुनाव में वह शहर की बदहाली का मुद्दा उठा रहे हैं। वह लगातार उन क्षेत्रों में जा रहे हैं, जहां कमल गुप्ता 10 साल विधायक रहते हुए नहीं गए। वह मूलभूत सुविधाओं को लेकर भाजपा को घेर रहे हैं। शहर में गोवंश, टूटी सड़कें, जलभराव और सीवरेज व्यवस्था जैसे मुद्दों को जनता के बीच रख रहे हैं। वह खुद की निर्दलीय सावित्री जिंदल से टक्कर न मानकर भाजपा प्रत्याशी से मुकाबला बना रहे हैं ताकि वोटों का ध्रुवीकरण रोका जा सके।
क्या कहते हैं हिसार के वोटर…
सुशील कुमार बोले- परिवर्तन देखना चाहती है जनता सब्जी मंडी चौक पर दुकानदार सुशील कुमार का कहना है कि इस बार सावित्री जिंदल का माहौल है। वह ही जीतेगी। कमल गुप्ता ने विधायक रहते हुए यहां कोई काम नहीं करवाए। प्रॉपर्टी टैक्स, प्रॉपर्टी आईडी, नो ड्यूज सर्टिफिकेट के नाम पर लोगों को परेशान किया गया। मैं कहता हूं कि परिवर्तन होना जरूरी है। 2 बार कमल गुप्ता विधायक बन चुके हैं। अब तीसरी बार भी बना देना ठीक नहीं है। अब किसी दूसरे को मौका मिलना चाहिए।
सुरेश ने कहा- राड़ा और जिंदल में टक्कर बड़वाली ढाणी के रहने वाले सुरेश कुमार ने बताया कि यहां मुख्य मुकाबला रामनिवास राड़ा और सावित्री जिंदल के बीच है। पहले नंबर पर रामनिवास राड़ा रहेंगे और दूसरे नंबर पर सावित्री जिंदल रहेंगी। भाजपा इस बार हिसार से नहीं जीतेगी। कमल गुप्ता फेल है। कमल गुप्ता ने यहां कोई काम नहीं किए।
नानक चंद बोले- मोहल्ले में सड़क तक नहीं बनी डोगरान मोहल्ला निवासी नानक चंद का कहना है कि हिसार में सावित्री जिंदल और रामनिवास राड़ा में ही मुकाबला चल रहा है। अभी यह नहीं कह सकते कि कौन आगे चल रहा है, दोनों बराबर हैं। कमल गुप्ता 10 साल विधायक रहे हैं, लेकिन ऐसा कोई काम हुआ ही नहीं जिससे जनता को राहत मिले। हमारे मोहल्ले में सड़कों तक नहीं बनी। एयरपोर्ट बन रहा है, मगर उससे आम जनता को क्या मिलेगा।
एयरपोर्ट के पास ही विनोद नगर मिल गेट एरिया पड़ता है। वहां हमारे रिश्तेदार कहते हैं कि एयरपोर्ट का तो दिखावा चल रहा है। एयरपोर्ट तो यूपी चला गया, योगी आदित्यनाथ हमसे पहले ले गया। अब तो यहां कुछ नहीं बनना। हम जैसे थे, वैसे ही रहेंगे।
महावीर ने कहा- राड़ा मिलनसार व्यक्ति
महावीर कॉलोनी के रहने वाले महावीर का कहना कि हिसार में रामनिवास राड़ा ही अच्छी हवा चल रही है। वह धार्मिक आदमी है। गायों की सेवा करता है। कांग्रेस उम्मीदवार में कोई कमी नहीं है। जब भी उनसे कोई मिलता है तो बड़े प्रेम प्यार से मिलता है।
कृष्णलाल शर्मा बोले- मुकाबला दोनों में बराबर डीसी कॉलोनी के रहने वाले कृष्णलाल शर्मा ने बताया कि हिसार में भाजपा का माहौल है। सावित्री जिंदल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर आई हैं, वह कमल गुप्ता को टक्कर दे रही हैं। मुकाबला दोनों में बना हुआ है। कमल गुप्ता ने खूब काम करवाए हैं। कमल गुप्ता ने व्यक्तिगत काम किसी के चाहे न करवाए हों, लेकिन सार्वजनिक काम खूब करवाए हैं। हिसार जैसे सड़क और पार्क कहीं नहीं हैं। मोदी का फैक्टर भी चल रहा है।
एक्सपर्ट बोले- भाजपा का वोट 3 जगह बंटेगा सीनियर जर्नलिस्ट कुमार मुकेश का कहना कि हिसार में निर्दलीय उम्मीदवार सावित्री जिंदल भाजपा और कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रही हैं। सावित्री जिंदल अपनी गुड इमेज को भुना रही हैं। वह 5 साल चुनाव से दूर रही हैं। उनमें वोटरों को किसी तरह की कमी नहीं दिख रही। मगर, उनके सामने चुनौती गैर भाजपा वोट बटोरने की है।
शहर में लोगों के बीच यह भी बात है कि वह चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल हो जाएंगी। इसलिए गैर भाजपा वोटर कितना उनको वोट करेगा, यह तो समय बताएगा। मगर, भाजपा कैंडिडेट कमल गुप्ता के एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा का वोट 3 जगह बंट रहा है। गौतम सरदाना, सावित्री जिंदल और कमल गुप्ता में भाजपा का वोट बंटेगा। कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा मजबूत हैं, लेकिन कांग्रेस में गुटबाजी से उनको नुकसान हो सकता है।
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