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पंचकूला के एमडीसी थाना क्षेत्र में कोहनी साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन की शिकायत पर दो वेटरनरी डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला जनवरी में गुरुद्वारा साहिब में रखी 30 गायों को एफएमडी (खुरपका-मुंहपका) बीमारी से बचाव के लिए लगाए गए इंजेक्शन क
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गुरुद्वारा प्रबंधन के अनुसार, गायों को पहले कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन इंजेक्शन लगाए जाने के बाद वे बीमार पड़ने लगीं। मरने वाली गायों का पोस्टमार्टम करवाया गया, लेकिन अभी तक वेटरनरी विभाग की जांच रिपोर्ट रोक दी गई है।
इंजेक्शन के बाद बिगड़ी हालत
गुरुद्वारा की ओर से करनबीर सिंह ने बताया कि जनवरी में हरियाणा पुश पालन विभाग की टीम ने गुरुद्वारा साहिब में गायों को एफएमडी से बचाव के इंजेक्शन लगाए थे। डॉक्टर संगीता और जय भगवान ने यह कार्य किया। करनबीर के अनुसार, इंजेक्शन से पहले सभी गायें स्वस्थ थीं और दूध दे रही थीं, लेकिन इंजेक्शन लगने के बाद कुछ गायों ने दूध देना बंद कर दिया, वहीं तीन गायों की मौत हो गई।कई गाय अब भी गंभीर रूप से बीमार हैं।
नियमों की अनदेखी का आरोप
गुरुद्वारा प्रबंधन का आरोप है कि इंजेक्शन लगाने के दौरान जरूरी सावधानियों का पालन नहीं किया गया। इंजेक्शन को ठंडा रखने के लिए जो बर्फ की व्यवस्था होनी चाहिए थी, वह नहीं की गई। इसके चलते इंजेक्शन का प्रभाव खराब हो गया और पशुओं की स्थिति बिगड़ने लगी। गुरुद्वारा प्रबंधन ने गायों के इलाज पर लाखों रुपए खर्च किए, फिर भी कई गायों के अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
जांच रिपोर्ट अभी भी लंबित
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पशु पालन विभाग ने गायों का पोस्टमार्टम करवाया और जांच शुरू की। हालांकि, गुरुद्वारा प्रबंधन का आरोप है कि एसडीओ स्तर पर जांच रिपोर्ट को दबाया जा रहा है। पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है, लेकिन जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि इंजेक्शन लगाते समय किन गलतियों के कारण यह दुर्घटना हुई।
एफएमडी अलर्ट के बाद की गई थी कार्रवाई
हरियाणा वैटर्नरी विभाग को जनवरी में एफएमडी बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। इस बीमारी से बचाव के लिए विभाग की टीमों ने विभिन्न स्थानों पर जाकर पशुओं को टीके लगाए। इसी क्रम में कोहनी साहब गुरुद्वारा साहिब में भी यह इंजेक्शन लगाए गए थे, जिनके बाद यह गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई।
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