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झारखंड में राज्य विधानसभा चुनावों में पहली बार 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और 40 बेंचमार्क विकलांगता वाले दिव्यांगों को अपने घर बैठे ही मतदान करने का विकल्प दिया जाएगा। घर से मतदान की सुविधा वैकल्पिक है।
यदि कोई मतदाता मतदान करने के लिए मतदान केंद्र पर शारीरिक रूप से जाने को तैयार है, तो मतदान केंद्र पर आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। इस सुविधा का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं से अधिसूचना के 5 दिनों के भीतर बीएलओ द्वारा आवेदन पत्र 12डी वितरित और एकत्र किया जाता है और इसे रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा किया जाता है। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है और राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों के प्रतिनिधि हमेशा घर से मतदान की पूरी प्रक्रिया में शामिल होते हैं।
चुनाव को लेकर क्या-क्या तैयारियां
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के साथ रांची में झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव तैयारियों की विस्तृत और व्यापक समीक्षा की। चुनाव आयोग ने राज्य और जिला प्रशासन को पक्षपातपूर्ण आचरण के प्रति आगाह किया। झारखंड में राज्य विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी, 2025 को समाप्त होने वाला है और राज्य में 81 सीटों (44 सामान्य; 09 एससी; 28 एसटी) के लिए चुनाव निर्धारित हैं। 23-24 सितंबर को आयोग के दो दिवसीय समीक्षा दौरे के दौरान राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि आयोग से मिलने आए।
आयोग ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उसने राजनीतिक दलों के सुझावों और चिंताओं का संज्ञान लिया है और भारत निर्वाचन आयोग राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहभागी, समावेशी, शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग ने इन मुद्दों की समीक्षा करने के बाद निर्णय लिया और राज्य और जिला प्रशासन को महत्वपूर्ण बातें बताईं। 50 मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग के आयोग के आदेश के अतिरिक्त, जहां भी तकनीकी रूप से संभव होगा, सभी मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग की जाएगी। सभी मतदान केंद्रों पर रैंप, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, व्हीलचेयर तथा बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए स्वयंसेवकों सहित न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। बुजुर्गों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं के लिए मतदान में प्राथमिकता सुनिश्चित की जाएगी।
मतदान केंद्र भूतल पर होंगे और मतदाताओं के निवास से 2 किमी के भीतर होंगे। लोक विरूपण अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति को अनुचित रूप से परेशान नहीं किया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि कानून का समान रूप से और बिना किसी पक्षपात के क्रियान्वयन किया जाए।
आयोग के निर्देश
● बिना किसी पक्षपात के कानून और ईसीआई के दिशा-निर्देशों का सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें
● प्रलोभनों के प्रति शून्य सहनशीलता, धन-बल पर अंकुश लगाने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों को कड़े निर्देश
● आयोग ने सभी मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराने में तेजी लाने का निर्देश दिया
● स्थानीय संस्कृति, खेल और प्रभावशाली लोगों को शामिल करते हुए एसवीईईपी गतिविधियों में मतदाताओं को शामिल करें
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