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मध्य प्रदेश के इंदौर में लंबी दूरी तक मार करने वाली बंदूक की गोली लगने से एक शख्स की मौत हो गई। बाणगंगा थाना क्षेत्र में जिस जगह यह हादसा हुआ वह बीएसएफ फायरिंग रेंज से करीब दो किलोमीटर दूर है।
मध्य प्रदेश के इंदौर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो बाणगंगा थाना क्षेत्र में एक शख्स को उस समय गोली लग गई जब किसी भी खतरे से अनजान वह अपनी इमारत के निर्माण कार्य की देख-रेख कर रहा था। हैरानी की बात यह कि घटना के वक्त गोली चलने की कोई आवाज भी नहीं सुनी गई। यही नहीं घटनास्थल पर गोली का कोई खोखा भी नहीं मिला।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) हंसराज सिंह ने बताया कि मृतक की पहचान बलराम (45) के रूप में हुई है। ऐसा कहा जा रहा है कि बलराम की मौत लंबी दूरी तक मार करने वाली बंदूक की गोली लगने से हुई है। गौर करने वाली बात यह कि बाणगंगा थाना क्षेत्र में जिस जगह गोली लगने से इस व्यक्ति की मौत हुई, वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की रेवती निशानेबाजी रेंज से करीब दो किलोमीटर दूर है।
डीसीपी हंसराज सिंह ने बताया कि पोस्टमॉर्टम में पता चला है कि इस व्यक्ति को लगी गोली किसी आम हथियार से नहीं, बल्कि लंबी दूरी तक मार करने वाली किसी खास बंदूक से निकली थी। गोली लगने के दौरान बलराम एक इमारत के निर्माण कार्य की देख-रेख कर रहा था। पोस्टमॉर्टम से यह भी मालूम पड़ा कि गोली हवा में ऊपर से नीचे की ओर सफर करते हुए इस व्यक्ति को लगी।
डीसीपी हंसराज सिंह ने बताया कि घटनास्थल से सड़क मार्ग के जरिये बीएसएफ की रेवती निशानेबाजी रेंज की दूरी करीब ढाई किलोमीटर दूर है, जबकि हवाई मार्ग से यह फासला डेढ़ से दो किलोमीटर के आस-पास है। यही नहीं घटनास्थल पर मौजूद करीब 20 मजदूरों का कहना है कि उन्होंने वहां गोली चलने की कोई आवाज नहीं सुनी।
इतना ही नहीं घटनास्थल पर गोली का कोई खोखा भी नहीं मिला है। बलराम के घरवालों के मुताबिक उसकी किसी से कोई रंजिश भी नहीं थी। डीसीपी हंसराज सिंह ने कहा कि गोली कांड की तमाम पहलुओं पर जांच की जा रही है। विस्तृत छानबीन के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि किस जगह से चली गोली के कारण बलराम की मौत हुई है। बलराम की डेडबॉडी से निकली गोली को अपराध विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) भी भेजा जाएगा।
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