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बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सासंद सीपी जोशी ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी का पासपोर्ट कैंसिल करने की मांग की है। सीपी जोशी ने राहुल गांधी पर खालिस्तानियों के एजेंडें को आगे बढ़ाने और देश विरोधी ताकतों के हाथों में खेलने का आरोप ल
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सीपी जोशी ने कहा कि राहुल गांधी के आधारहीन और देश की छवि को धूमिल करने वाले बयानों को अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में नहीं देखा जा सकता। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि राहुल गांधी को नेता विपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा देना चाहिए। अगर वे इन बातों के बावजूद नेता प्रतिपक्ष के पद पर बने रहना चाहते हैं तो उनका पासपोर्ट रद्द किया जाना चाहिए ताकि वे भविष्य में विदेशी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी एजेंडे को चलाने के लिए नहीं करें।
सीपी जोशी ने लासेकसभा स्पीकर को लिखा-
राहुल गांधी जैसे किसी व्यक्ति का नेता विपक्ष के पद पर रहना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। उनकी गतिविधियों को देखकर ये साफ हो जाता है कि वे देश विरोधी ताकतों के हाथों खेल रहे हैं।
सीपी जोशी ने कहा- उनके बयानों को देश और दुनिया के इतिहास और वर्तमान में देखा जाना चाहिए क्योंकि वे एक जिम्मेदार पद पर हैं और ऐसी पार्टी और परिवार से आते हैं, जिसने दशकों तक देश की सत्ता की बागडोर संभाली है।
सीपी जोशी ने कहा- उनके बयान राजनीतिक नहीं बल्कि विशुद्ध तौर पर देश विरोधी गतिविधियों के दायरे में आते हैं। यह उनके आचरण को संदिग्ध बनाता है। देश की आंतरिक स्थिरता और सीमाओं की सुरक्षा के अलावा अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर पड़ सकता है क्योंकि वे नेता विपक्ष के पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
विदेशी ताकतों के प्रभाव में देशहित को ताक पर रख दिया जोशी ने लिखा- भारत के संदर्भ में विदेशी जमीन पर बयानबाजी के पहले नेता विपक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वे कुछ बुनियादी तथ्यों को अपने ध्यान में रखें, लेकिन अमेरिका यात्रा पर दिए बयान से साबित होता है कि राहुल की मंशा देश में स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की है। दशकों तक आतंकवाद की मार झेल चुके सिख समुदाय को लेकर ये बयान देना कि भारत में उन्हें पगड़ी समेत अपने दूसरे पवित्र पहचानों की छूट नहीं है, एक निकृष्टतम मिसाल है। जाहिर है वे कनाडा और अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादियों के एजेंडे को मजबूत करना चाहते हैं।
जोशी ने लिखा-
बतौर नेता विपक्ष राहुल अपने देश के उद्योगपतियों के नाम लेकर उनके खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। क्या पूरी दुनिया में कोई एक भी ऐसी मिसाल है, जब कोई पक्ष या विपक्ष का नेता दूसरे देश में जाकर अपने देश के उद्योगपतियों के खिलाफ बयानबाजी करता दिखा, आखिर राहुल जी के इस बयान के पीछे क्या मंशा है?
जोशी ने कहा कि इतना ही नहीं विदेशी कंपनियां जो बिना सिर पैर के भारतीय कंपनियों को अपना निशाना बनाती है और बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान भी पहुंचा चुकी हैं, राहुल उन कंपनियों या संस्थाओं से जुड़े लोगों के साथ बैठकें करते हैं। क्या ये देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं मानी जाएगी। भारतीय समाज को बांटने की कोशिश कर उसकी एक विकृत तस्वीर पेश करते हैं।
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