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चिंताजनक -कोरियर, पार्सल और वेबसाइटों के जरिए हो रही दूसरे राज्यों को सप्लाई -तेलंगाना में
चिंताजनक -कोरियर, पार्सल और वेबसाइटों के जरिए हो रही दूसरे राज्यों को सप्लाई
-तेलंगाना में प्रदेश की छह कंपनियों पर दर्ज हुए करीब 10 मुकदमे
-एंटी नारकोटिक्स डायरेक्टर ने यूपी के आयुष विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा
-स्कूली बच्चे, श्रमिकों सहित युवा बन रहे चॉकलेट के सेवन से नशे के आदी
लखनऊ, राजकुमार शर्मा। यूपी में अवैध रूप से गांजा चॉकलेट बन रही है। इनमें अफीम और चरस भी मिलाई जा रही है। इस चॉकलेट को यहां स्थित कई कंपनियां बना रही हैं। उन्हें कूरियर, पार्सल के जरिए दूसरे राज्यों को भेज रही हैं। ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिए भी इन्हें लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। युवाओं खासकर स्कूली बच्चों, कामकाजी पुरुषों और निर्माण श्रमिकों को इसकी लत लग रही है। ऐसा हम नहीं, तेलंगाना का एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो कह रहा है। एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो के डायरेक्टर ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के आयुष विभाग के प्रमुख सचिव को ऐसी आधा दर्जन कंपनियों का ब्योरा उपलब्ध कराया है। इन कंपनियों पर तेलंगाना में करीब 10 मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं।
एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो तेलंगाना के इस पत्र ने सबकी नींद उड़ा दी है। वहां पकड़ी गई गांजा चॉकलेट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह चॉकलेट युवा पीढ़ी को नशे की लत लगा रही है। एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो ने यूपी की छह कंपनियों पर तेलंगाना में दर्ज मुकदमों का ब्योरा भी उपलब्ध कराया है। उनका कहना है कि यूपी में अवैध ढंग से बनाई जा रही इस चॉकलेट से स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे भी नहीं बच पा रहे। इन गांजा चॉकलेट में टीएचसी कंटेंट की मात्रा 5 से लेकर 20 प्रतिशत तक है।
अफीम और चरस की भी मिलावट
नारकोटिक्स ब्यूरो ने कहा है कि इन गांजा और भांग चॉकलेट को बेचने की आड़ में यह कंपनियां अफीम और चरस भी मिला रही हैं। इन ड्रग को बिना किसी चिकित्सकीय पर्चे के बेचा जा रहा है। यूपी के आयुष विभाग से इन पर शिकंजा कसने को कहा गया है। दरअसल, आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों का पंजीकरण निदेशक आयुर्वेद के यहां से होता है। उन्हें लाइसेंस दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें गुड मेन्यूफेक्चरिंग का भी लाइसेंस लेना होता है।
इन कंपनियों पर दर्ज हुए मुकदमे
नारकोटिक्स ब्यूरो तेलंगाना के निदेशक द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार कानपुर देहात के इंडस्ट्रियल एरिया स्थित विजयावदी अंजनी फार्मा, नेहरू बाग मगरवाड़ा उन्नाव स्थित एमएम फार्मा, चंदनपुरम बहराइच स्थित अंजनी फार्मास्यूटिकल्स, चंदौली के रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित सद्गुरू सांई आयुर्वेदिक फार्मा, रायबरेली के सुल्तानपुरा रोड इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एएन फार्मास्यूटिकल्स और चंदौली के रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित सांई मधु वट कंपनियां शामिल हैं। इन सभी कंपनियों पर तेलंगाना के विभिन्न थाना क्षेत्रों में करीब 10 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें सर्वाधिक चार मुकदमे एमएम फार्मा के खिलाफ दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने आयुष विभाग से अपने स्तर से भी इन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और इसकी जानकारी उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है। इसके बाद प्रदेश में भी नारकोटिक्स ब्यूरो, आयुष विभाग सहित कई एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।
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