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हाई कोर्ट में याचिका दायर होने के एक साल बाद भी गौसपुरा इंडस्ट्रियल एरिया (बिरलानगर) की 80 फुट चौड़ी सड़क अतिक्रमण से मुक्त नहीं हो पाई है। जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के ने इस मामले में अब स्पष्टीकरण देने के लिए एसडीएम लश्कर नरेंद्र बाबू यादव, जिला व्यापा
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हाई कोर्ट ने कलेक्टर से शपथ पत्र के जरिए जवाब मांगा था। कलेक्टर की ओर से एसडीएम ने जवाब दिया था और इंडस्ट्रियल एरिया का ले आऊट नहीं मिलने की बात कही है। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि यह क्या बात हुई कि ले आउट नहीं मिल रहा। अधिकारी क्या यहां टाइम पास करने आते हैं। अखिरी सुनवाई पर ले आउट के साथ आने के लिए कहा है।
दरअसल, 26 जून 2023 को इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्री का संचालन कर रहे नरेश और राजकुमार अग्रवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया कि इंडस्ट्रियल एरिया की 80 फुट चौड़ी सड़क अतिक्रमण की चपेट में है। इसके चलते बड़े मालवाहक वाहन एरिया के अंदर प्रवेश नहीं कर पाते। इसके चलते उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है। 14 जुलाई 2023 को हुई सुनवाई में सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि कलेक्टर ने इस मामले में एक कमेटी का गठन किया, जिसमें अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। कमेटी ने निरीक्षण कर लिया है और 10 दिन के भीतर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। 9 अक्टूबर 2023 को हुई सुनवाई में सरकारी वकील ने जवाब पेश करने के लिए फिर से समय लिया। 6 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा ना तो कोई रिपोर्ट पेश की गई और ना ही ये बताया गया कि कमेटी ने क्या कार्रवाई प्रस्तावित की है। इसी के चलते कोर्ट ने कमेटी के सभी सदस्यों को व्यक्तिगत रुप से तलब किया था। ले आऊ नहीं मिलने के जवाब से जज हुए नाराज सोमवार को सुनवाई के दौरान एसडीएम लश्कर नरेंद्र बाबू यादव, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक केएस सोलंकी, अधीक्षक भू-अभिलेख रविनंदन तिवारी उपस्थित हुए। यहां एसडीएम ने कलेक्टर की ओर से शपथ पत्र पेश किया, जिसमें कार्रवाई न होन का कारण इंडस्ट्रियल एरिया का ले आऊट नहीं मिल पाना बताया गया। पर इस कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए वहां मौजूद अफसरों को जमकर फटकार लगाई है। काेर्ट का कहना है कि यह क्या जवाब हुआ कि ले आउट नहीं मिल रहा है। अफसर क्या टाइम पास करने के लिए आते हैं। अगली सुनवाई पर ले आऊट की डिटेल के साथ आने के लिए कहा है।
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