[ad_1]
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के मद्देनजर लगातार दूसरे दिन भी इंटरनेट सेवा बंद करने पर नाराजगी जाहिर की। आंशिक सुनवाई करते हुए तत्काल इंटरनेट सेवा बहाल करने का निर्देश दिया।
.
आज न्यायमूर्ति आनंद सेन और न्यायमूर्ति अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने सुनवाई की। अदालत ने कहा कि यदि इंटरनेट सेवा बाधित किया जाना है तो उससे पहले उच्च न्यायालय का आदेश जरूरी होगा। भविष्य में इस बात का ध्यान रखें।
अदालत ने कहा कि परीक्षा के लिए इंटरनेट सेवा को बंद करना कहीं से उचित नहीं है। अदालत ने आज गृह सचिव को सशरीर हाजिर होने को कहा था। साथ ही कहा था कि उस फाइल को जमा करें जिसमें यह निर्देश दिया हो कि सुबह चार बजे से 3.30 बजे तक इंटरनेट सेवा प्रभावित रहेगी। वहीं अदालत ने इस मामले में सरकार को छह हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
शुक्रवार को भी हुई थी सुनवाई इंटरनेट सेवा बंद करने के मामले को लेकर शुक्रवार को जनहित याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई हुई। शुक्रवार को ही झारखंड हाई कोर्ट ने प्रार्थी और राज्य सरकार का पक्ष सुना। हालांकि खंडपीठ ने गृह विभाग के इंटरनेट सेवा बंद करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
खंडपीठ ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि परीक्षा के कारण 5:30 घंटे झारखंड में इंटरनेट सेवा क्यों बंद रखी गई? इससे लोग परेशान हुए तथा कई सेवाएं प्रभावित हुई। इंटरनेट सेवा लोगों की मौलिक जरूरतों में आती है। अदालत ने सरकार से पूछा कि एक माह में यदि पांच परीक्षाएं होंगी तो क्या पांच बार इंटरनेट की सेवा बंद की जाएगी?
शपथ पत्र दायर कर दें छह हफ्ते में जवाब अदालत ने सरकार से कहा कि आप शपथ पत्र दायर करें। अपने शपथ पत्र में यह बताना चाहिए कि क्या उन्होंने कोई नीति बनाई है या वह ऐसी कोई नीति बनाने पर विचार कर रहे हैं जिसमें ऐसी स्थितियों को शामिल किया गया हो जिसमें कानून के अनुसार इंटरनेट सुविधाओं को निलंबित किया जा सकता है।
इस मामले को चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत किया जाए ताकि इसे 6 सप्ताह बाद उचित पीठ के समक्ष रखा जा सके। अब अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।
[ad_2]
Source link