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नागौर में एक निजी फाइनेंस कम्पनी को किस्त बकाया की गलत पेनल्टी लगाने पर अब 54 गुना राशि चुकानी पड़ेगी। मामले के अनुसार अठियासन की ढाणी निवासी फूलचंद ने आयोग के समक्ष परिवाद पेश कर निजी फाइनेंस कंपनी की शिकायत की, जिस पर आयोग ने फाइनेंस कंपनी पर जुर्म
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परिवादी फूलचंद ने बताया- उसने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विस, नागौर से लोन ले रखा है। इस मासिक लोन की किस्त उसके यूनियन बैंक के बचत खाते से ऑटो कट सिस्टम से कटती रहती है। गत 31 दिसंबर को उसके बचत खाते में पर्याप्त राशि होने के बावजूद एचडीबी फाइनेंशियल सर्विस ने किस्त भुगतान में देरी के नाम पर पेनल्टी दर्ज करते हुए अनावश्यक रूप से 93 रुपए अतिरिक्त राशि लगा दी और साथ ही एक किश्त बकाया बता दी। इस तरह गलत रूप से किस्त बकाया करके और पेनल्टी लगाकर आर्थिक नुकसान पहुंचाया और सिबिल स्कोर भी खराब किया।
उपभोक्ता आयोग ने इस मामले में कहा कि वित्तीय संस्थान ऐसा करके लोगों का विश्वास खो रही है। वित्तीय संस्थाओं का ऐसा निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी निंदनीय है। आयोग के अध्यक्ष नरसिंह दास व्यास, सदस्य बलवीर खुड़खुड़कया व चंद्रकला व्यास ने इस परिवाद के निर्णय में इसे एचबीडी फाइनेंशियल सर्विस का बैंकिंग नियमों के विपरीत अनुचित व गलत बताते हुए आदेश दिया कि इस गलती के लिए फाइनेंस कंपनी परिवादी को प्रतिकर के रूप में 3 हजार रुपए अदा करें। साथ ही परिवाद व्यय के 2 हजार रुपए भी अदा करे। आयोग ने पेनल्टी के रूप में लगाई गई राशि 93 रुपए भी परिवादी को ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है।
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