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मुरैना शहर में किसान न्याय यात्रा निकली जा रही है। यह यात्रा 12:00 बजे से शासकीय गेस्ट हाउस से निकलेगी। यात्रा के दौरान पार्टी के समस्त पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। यात्रा शासकीय गेस्ट हाउस से निकलकर पुराने बस स्टैंड तक जाएगी।
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बता दें कि, दोपहर 12 बजे किसानों की आर्थिक परेशानी, बिजली दरों में बेतहासा वृद्धि, बिजली कटौती, पर्याप्त बीज खाद नहीं मिलना, भारी वर्षा एवं बाढ़ से मकान, पशु, फसल में भारी नुकसान का सर्वे नहीं करना, मुआवजा नहीं देना, खस्ताहाल सड़के, महिलाओं एवं बेटियों से दुराचार, अनु जाति एवं अनु जनजाति वर्गों पर अत्याचार, नगर निगम में भारी भ्रष्टाचार, हॉस्पीटल मे व्यवस्था बेहाल, जिले में पुलिस व्यवस्था लचर व्यापारी असुरक्षित लूट, हत्या, अपराध दिन पर दिन बड़ रहे है। आदि समस्यायों को लेकर मुरैना जिले में किसान न्याय यात्रा निकलेगी जिसमें अन्य बिन्दु भी शामिल है।
1. मध्यप्रदेश एवं मुरैना जिले में किसानों पर आज संकट के काले बादल मडरा रहे है। भारी वर्षा एवं बाढ़ के कारण सोयाबीन, बाजरा एवं धान की फसलों को नुकसान हुआ, पशु एवं मकानों को छति हुई है। केन्द्र एवं प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार हर चुनावी वादों में एम एस.पी की बात करती है किसान भाई एम.एस.पी की मांग लगातार कई वर्षों से कर रहे है और आज भी उनकी फसलों एवं एम.एस.पी के समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं की जा रही है माननीय राहुल गांधी जी लगातार किसानों की फसलों के लिए समर्थन मूल्य के कानूनी ग्यारंटी की मांग हमारी माँग कर रहे है मगर भाजपा सरकार 12 घंटे बिजली कटौती कर रही किसान कर्ज तले डूबा हुआ आत्म करने पर मजबूर हो गया है वर्ष 2011 में भी सोयाबीन के फसल के दाम 4300 रूपये सोयबीन, कजर ति क्विंटल थे आश्चर्य की बात है कि आज भी वर्ष 2024 में पुराने दरों पर ही उनकी उपज धान, गेहूं खरीदी की जा रही है। किसानों की सोयाबीन की फसल, गेहूं, बाजरा, धान आदि को उचित मूल्य पर खरीदा जावे। म.प्र.. भाजपा सरकार 20 वर्षों में कहती आ रही कि कैलारस शक्कर फैक्ट्री चालू करेगे मगर आज तक चालू नहीं हो पाई, एक भी कृषि आधारित उद्योग नहीं लगा पाए हैं। मुरैना में जो फैक्ट्रिया खुली है वो आज भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण 20 से 30 फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर है। म.प्र सरकार द्वारा जो पॉलिसी उद्योग लगाने पर छूट देने की थी वो बादा पूरा नहीं किया, उद्योग नुकसान में चल रहे है।
2. हॉस्पीटल में कर्मचारियों एवं डॉक्टरों की कमी से हॉस्पीटल व्यवस्था ठप्प डली है 45 करोड़ की लागत से बने हॉस्पीटल की इमारत भी जर्जर स्थिति में है इनवेटर, लैव चालू नहीं हुई। लिफ्ट बंद डली है ठेकेदार ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है जिले में जितने संजीवनी हॉस्पीटल 20 से 30 लाख लागत से बने है वहां डॉक्टर नहीं है संजीवनी हॉस्पीटल बंद डले है जिले के सभी हॉस्पीटलों में अल्ट्रासाउण्ड एवं सी.टी स्केन की मशीन नहीं है। स्टॉफ की कमी से बंद डली है इन पर सरकार का ध्यान नहीं है।
3. नगर निगम सीमा में भारी भ्रष्टाचार एवं गलत पॉलसियों के कारण शहर खोदा जाता है पहले सीवर लाईन डालने के कारण शहर को खोदा गया फिर नल-जल योजना के तहत पानी की पाईप लाइन डालने के नाम पर खोदा जा रहा है। कल शहर में गैस पाईप लाईन डाली जायेगी फिर शहर खोदा जायेगा। इससे लोगों के लेट्रिंग के पाईप नल के पाईप जनता के तोडे जा रहे है जिससे शहर वासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है रोड़ों को बार-बार खोदने के कारण मकानों के सामने कीचड़ और यातायात प्रभावित होता है जिससे मुरैना की जनता को बहुत परेशानी होती है। काम बहुत धीमी गति से किया जा रहा है गलत तरीकों से खुदाई एवं रोड़ बनाई जा रही है मुरैना के 23 वार्डों की सीवर लाईन डलनी है अगर वो सीवर नल-जल योजना के साथ डलती तो रोड को एक बार खोदा जाता तो लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। शहर की जनता के पैसों का दुरूपयोग कर शहर को बिना प्लानिंग के तहत खोदा जा रहा है और मुरैना नगर निगम के कमिश्नर ऊपर पैसा देकर आते है वो वसूली करने पर लगे रहते है विकास पर उनका काई ध्यान नहीं होता है। इसलिए जनता के पैसों का सदपयोग कर शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा देकर शहर की अच्छी प्लानिंग की जाये।
4. मुरैना की कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है शहर में आये दिन लूट, हत्या, बलात्कार एवं पुलिस द्वारा अव्यवहारिक तरीका अपनाया जा रहा है। अनु.जाति एवं अनु. जनजाति के वर्गों पर अत्याचार किया जा रहा है। एन.सी.आर.बी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 15 सालों में केवल मध्यप्रदेश में से 33 हजार महिला एवं बच्चियां गायब हो चुकी है जिसका मामला केन्द्र में भी पहुंच चुका है। फिर भी केंद्र की भाजपा सरकार इस गम्भीर मामले पर सरकार दानदाता बनी बैठी है। पूरे प्रदेश का सिस्टम ठेके पर 30 से 35 विभाग ठेके पर संचालित किये जा रहे है। हजारों आला अफसरों की शिकायतें विध्यांचल और सतपुडा भवन जैसे भोपाल के कई मुख्यलयों में पिछले 10 सालों से धूर खा रही है अकेले सी.एम. हैल्पलाईन पर कई शिकायतें लंबित है और विभागों के ठेकेदार एवं दलाल सिस्टम के बाप बनकर हुकूमत कर रहे है।
5. बिजली की अघोषित कटोती एवं बिजली बिलों में बेतहासा वृद्धि पिछले कुछ वर्षों से बिजली की हालत किसी से छिपी नहीं है। मुरैना में 4 से 10 घण्टे की बिजली कटोती के बावजूद भारी भरकम बिजली बिल जनता को थमाये जा रहे हैं बिजली विभाग के अधिकारी जनता का फोन उठा नहीं रहे हैल्पलाईन पर शिकायत करने पर भी बिजली का कोई हल होता नहीं हैं मदमस्त अधिकारी अपने ए.सी चैम्बरों से निकलना नहीं चाह रहे हैं।
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