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बसपा सुप्रीमो मायावती।
– फोटो : amar ujala
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा व विपक्षी पार्टियां जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति कर जनता का भरोसा खो रही हैं। इसका फायदा पार्टी को आगामी उपचुनाव में होगा। इसके लिए पदाधिकारियों की जिम्मेदारी में फेरबदल कर तैयारियों में जुटें। मायावती बृहस्पतिवार को प्रदेश कार्यालय में सभी पदाधिकारियों एवं जिलाध्यक्षों की बैठक को संबोधित कर रही थीं।
इससे पहले उन्होंने 11 अगस्त को हुई बैठक में संगठन को मजबूत करने, जनाधार बढ़ाने के दिए निर्देशों के पालन की रिपोर्ट भी ली। मायावती ने कहा कि यूपी सरकार का विरोधियों के प्रति पक्षपाती रवैया होने से कानून-व्यवस्था की हालत सुधर नहीं रही है। बुलडोजर राज के बजाय केंद्र व राज्य सरकारों को संविधान व कानूनी राज के अमल पर ध्यान देना चाहिए। यूपी सहित पूरे देश में महिला उत्पीड़न, शोषण व असुरक्षा भी चिंतित करने वाला मुद्दा है।
उन्होंने कहा कि एनडीए और इंडिया गठबंधन के दल आरक्षण विरोधी हैं। कांग्रेस व भाजपा ने एससी-एसटी आरक्षण को निष्प्रभावी बना दिया है। उनके आरक्षित पदों को नहीं भरा जाता है। ऐसा ही रवैया ओबीसी के प्रति भी है, इसे रोकने के लिए संगठित प्रयास जरूरी हैं। एससी-एसटी से अलग रहकर करीब 52 प्रतिशत आबादी वाला ओबीसी समाज पहले ही अपना अहित करा चुका है। इसलिए जातीय जनगणना को लेकर गंभीर होना जरूरी है।
लखनऊ और नोएडा में होंगे कार्यक्रम
मायावती ने पार्टी संस्थापक कांशीराम के आगामी 9 अक्तूबर को होने वाले परिनिर्वाण दिवस के कार्यक्रम लखनऊ और नोएडा में परंपरागत तरीके और मिशनरी भावना से करने के निर्देश दिए हैं।
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