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डूसू चुनाव में योग्य उम्मीदवारों के नामों की सूची डीयू के मुख्य चुनाव अधिकारी ने गुरुवार देर शाम जारी कर दी। अध्यक्ष पद पर सबसे अधिक 28 छात्रों ने नामांकन किया हैं। इसमें 10 छात्राएं और 14 विद्यार्थी बौद्ध अध्ययन केंद्र से हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव (DUSU Election 2024) में योग्य उम्मीदवारों के नामों की सूची डीयू के मुख्य चुनाव अधिकारी ने गुरुवार देर शाम जारी कर दी। अध्यक्ष पद पर सबसे अधिक 28 छात्रों ने नामांकन किया हैं। इसमें 10 छात्राएं और 14 विद्यार्थी बौद्ध अध्ययन केंद्र से हैं।
इस बार सभी पदों पर छात्राओं ने चुनाव लड़ने की दिलचस्पी दिखाई है। उपाध्यक्ष पद पर कुल 19 विद्यार्थियों ने नामांकन किया है, जिसमें सात छात्राएं और बौद्ध अध्ययन केंद्र के 12 विद्यार्थी हैं। सचिव पद पर 22 ने नामांकन किया है, जिसमें सात छात्राएं और 12 विद्यार्थी बौद्ध अध्ययन केंद्र के हैं। संयुक्त सचिव पद पर 18 विद्यार्थियों ने नामांकन किया है, जिसमें सात छात्राएं और 12 विद्यार्थी बौद्ध अध्ययन केंद्र के हैं। इसके बाद नामांकन करने वालों में लॉ के छात्रों की संख्या है।
डूसू चुनाव 2024-25 के अध्यक्ष पद के लिए प्रारंभिक जांच के बाद उम्मीदवारों की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. सत्यपाल सिंह के अनुसार, नाम वापस लेने के लिए उम्मीदवार को व्यक्तिगत रूप से एक लिखित आवेदन देना होगा। आवेदन के साथ उम्मीदवार को अपना पहचान पत्र भी दिखाना अनिवार्य है। किसी अन्य माध्यम, जैसे डाक या संदेशवाहक के जरिये नाम वापस नहीं लिया जा सकेगा। नामांकन वापसी की अंतिम तिथि आज दोपहर 12 बजे तक है।
उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे नियमित रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट (www.du.ac.in) पर जाकर अपडेट देखते रहें।
वाम गठबंधन की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के संयुक्त पैनल ने उम्मीदवारों की घोषणा दी। पैनल में सावी गुप्ता को अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में चुना गया है। सावी लॉ फैकल्टी की छात्रा हैं और ‘रीओपन डीयू मूवमेंट’ के लिए आंदोलन में शामिल रही हैं। उपाध्यक्ष पद के लिए आयुष मंडल को नामित किया गया है, जो पश्चिम बंगाल के बांकुरा से हैं। सचिव पद के लिए स्नेहा अग्रवाल को चुना गया है।संयुक्त सचिव पद के लिए अनामिका के. उम्मीदवार हैं।
खालसा कॉलेज चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगा
वहीं दूसरी ओर, दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज ने डूसू चुनावों से खुद को अलग करने का निर्णय लिया है। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. गुरमोहिंदर सिंह ने इस संबंध में डीयू के कुलसचिव को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया कि कॉलेज की मूल संस्था के निर्देशों के अनुसार, खालसा संस्थानों के साथ-साथ इस कॉलेज को भी डूसू चुनावों से अलग किया जा रहा है। अब से कॉलेज के छात्र संघ के पदाधिकारियों का चयन स्टाफ सलाहकार समिति द्वारा नामांकन के माध्यम से किया जाएगा। यह प्रक्रिया लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार ही की जाएगी, जिसमें निम्नलिखित शर्तें शामिल हैं। छात्र की उपस्थिति 75 फीसद हो, कोई शैक्षिणक बकाया न हो, उम्मीदवार के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक मामला न हो।
एनएसयूआई ने फैसले की कड़ी निंदा की : एनएसयूआई ने गुरुवार को खालसा कॉलेज के छात्र चुनावों को बिना किसी पूर्व सूचना के रद्द करने के फैसले की कड़ी निंदा की। आरोप लगाया कि यह निर्णय एबीवीपी के दबाव में लिया गया है और इसे उनके पक्ष में एक स्पष्ट प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। खालसा कॉलेज के चुनावों में एनएसयूआई हमेशा से एक मजबूत स्थिति में रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि एबीवीपी चुनाव का सामना करने से पूरी तरह डर चुकी है।
एबीवीपी ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एसजीटीबी खालसा कॉलेज प्रशासन के डूसू कॉलेज को नॉन-डूसू श्रेणी में डालने के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी। परिषद से प्राप्त जानकारी में कहा गया कि संगठन के कार्यकर्ता रचित राय और उत्कर्ष भट्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर कर खालसा प्रबंधन समिति के तहत आने वाले डूसू कॉलेज श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज एवं श्री गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्राचार्यों द्वारा दिशानिर्देश जारी कर कॉलेजों को डूसू से अलग करने के निर्णय को खारिज किए जाने की मांग की है।
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