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मालविका ने ओलंपिक पदक विजेता को शिकस्त दी चाइना ओपन -पेरिस ओलंपिक की
मालविका ने ओलंपिक पदक विजेता को शिकस्त दी चाइना ओपन
-पेरिस ओलंपिक की कांस्य विजेता ग्रेगोरिया मारिस्का तुनजुंग को पहले दौर में बाहर किया
– मालविका अब राष्ट्रमंडल खेलों की दो बार की पदक विजेता क्रिस्टी गिल्मोर से भिड़ेंगी
चांग्झू (चीन), एजेंसी। भारत की मालविका बंसोड़ ने बुधवार को अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। उन्होंने चाइना ओपन सुपर 100 बैडमिंटन के महिला एकल के पहले दौर में पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी ग्रेगोरिया मारिस्का तुनजुंग को शिकस्त दे दी।
लगातार गेम में जीतीं : दुनिया की 43वें नंबर की खिलाड़ी ने पहले गेम में तीन गेम प्वाइंट बचाए। उन्होंने इंडोनेशिया की तुनजुंग को 46 मिनट में लगातार गेम में 26-24, 21-19 से हराकर करियर की अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की। 22 साल की मालविका अगले दौर में राष्ट्रमंडल खेलों की दो बार की पदक विजेता क्रिस्टी गिल्मोर से भिड़ेंगी।
हालांकि महिला एकल में अन्य भारतीय खिलाड़ियों आकर्षी कश्यप और सामिया इमाद फारूकी को शिकस्त का सामना करना पड़ा। आकर्षी चीनी ताइपे की चियू पिन चियान के खिलाफ 15-21, 19-21 से हार गईं जबकि सामिया एकतरफा मुकाबले में क्रिस्टी के खिलाफ 9-21, 7-21 की हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गई।
युगल में भी हार मिली : महिला युगल में त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद को सीह पेई शेन और हुंग एन जू की चीनी ताइपे की जोड़ी से कड़े मुकाबले में 21-16, 15-21, 17-21 से हार का सामना करना पड़ा। मिश्रित युगल में बी सुमित रेड्डी और एन सिकी रेड्डी की जोड़ी भी पहले दौर में टेन कियान मेंग और लाई पेई जिंग की मलेशिया की जोड़ी से 10-21, 16-21 से हार गई।
पांच साल पहले अंतरराष्ट्रीय सर्किट में किया पदार्पण
नागपुर की बाएं हाथ की खिलाड़ी मालविका ने 2019 में सीनियर अंतरराष्ट्रीय सर्किट में कदम रखा और मालदीव इंटरनेशनल खिताब जीता। वह 2022 में सैयद मोदी इंटरनेशनल में उपविजेता रहीं। मालविका इस साल अच्छी फॉर्म में हैं। उन्होंने अजरबैजान इंटरनेशनल खिताब जीता। उन्होंने 2022 में तब सुर्खियां बटोरीं जब उन्होंने इंडिया ओपन में 2012 ओलंपिक कांस्य विजेता साइना नेहवाल को हराकर दुनिया की शीर्ष 30 में जगह बनाई। हालांकि पिछले साल हांगझोउ एशियाई खेलों में भाग लेने के बाद डेंगू और टाइफाइड से पीड़ित होने के चलते स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से खेल पर असर पड़ा। हालांकि दुनिया की शीर्ष 50 खिलाड़ियों में अपना स्थान बनाए रखने में सफल रही हैं।
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