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दिल्ली में सर्दियों के मौसम में इस साल वायु प्रदूषण की वजह से शहर के हालात न बिगड़े इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने एक प्लान बनाया है। विभाग राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण कार्य योजना के तहत 200 एंटी-स्मॉग गन तैनात करने की योजना बनाई है।
दिल्ली में सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण की वजह से शहर के हालात बिगड़ जाते हैं। ऐसे में लोक निर्माण विभाग ने राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण कार्य योजना के तहत अक्टूबर से फरवरी के बीच 200 प्राइवेट ट्रक माउंटेड एंटी-स्मॉग गन तैनात करने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर लगभग 19 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है और शुरुआत में इन्हें आठ घंटे की शिफ्ट के आधार पर तैनात किया जाएगा, लेकिन जिन महीनों में प्रदूषण पीक पर होता है उन महीनों में इनकी तैनाती के समय को बढ़ा दिया जाएगा।
200 गन होंगी तैनात
पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पर्यावरण विभाग ने 12 सितंबर को माउंटेड एंटी-स्मॉग गन के लिए प्रशासनिक मंजूरी दे दी है। अधिकारी ने कहा, ‘हमें पांच महीने के लिए किराए के आधार पर 200 ऐसी यूनिट्स की सेवाएं लेने के लिए कहा गया है। ये मशीनें अक्टूबर 2024 और फरवरी 2025 में सिंगल शिफ्ट में काम करेंगी। हालांकि, 1 नवंबर से 31 जनवरी तक तीन शिफ्ट शुरू की जाएंगी। ट्रकों पर पर्यावरण संबंधी संदेश भी प्रदर्शित किए जाएंगे।’
सबसे ज्यादा पूर्वी एरिया में
सर्दियों के मौसम में पीडब्ल्यूडी 1,400 किलोमीटर लंबे आरटेरियल रोड नेटवर्क पर इन मशीनों का संचालन करता है, जहां सड़क की चौड़ाई 60 फीट से ज्यादा है। एक अधिकारी ने कहा, ‘सड़क नेटवर्क को तीन डिवीजनों में बांटा गया है – उत्तर, पूर्व और दक्षिण। 200 मशीनों में से, सबसे ज्यादा 72 पूर्वी क्षेत्र में, उसके बाद उत्तर क्षेत्र में 70 और दक्षिण क्षेत्र में 58 मशीनें लगाई जाएंगी।’ पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने बताया कि पर्यावरण विभाग से खर्च की अनुमति मिल गई है और धनराशि जारी करने के लिए फाइल वित्त मंत्रालय को भेज दी गई है। अधिकारी ने कहा, ‘हम जल्द ही इन मशीनों की तैनाती के लिए एजेंसियों की नियुक्ति हेतु टेंडर निकालेंगे।’
क्या होती है एंटी-स्मॉग गन
एंटी-स्मॉग गन एक ऐसा डिवाइस है जो वायुमंडल में बारीक नेबुलाइज्ड पानी की बूंदें फेंकता है ताकि सबसे छोटे धूल और प्रदूषित के कण एब्सॉर्ब हो जाएं। यह गन एक पानी की टंकी से जुड़ी होती है जिसे एक वाहन पर लगाया जाता है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह पानी को हाई प्रेशर वाले प्रोपेलर से पास करके 50-100 माइक्रोन के आकार की बूंदों के साथ एक फाइन स्प्रे में बदल देता है।
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