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एक छात्र की आत्महत्या के बाद गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। एमबीए प्रथम वर्ष के छात्र गौतम कुमार ने रविवार को अपने छात्रावास की 7वीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में एक स्टूडेंट के आत्महत्या करने की घटना के बाद माहौल गरमा गया है। हाल ही में विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्टूडेंट को निष्कासित कर दिया था। स्टूडेंट ने रविवार को अपने हॉस्टल की 7वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी। आलम यह है कि छात्र गौतम कुमार की आत्महत्या के बाद बीते 24 घंटे से छात्र विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र मृतक के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने हॉस्टल के वार्डन राकेश कुमार को उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया है।
गौतम कुमार एमबीए प्रथम वर्ष के छात्र था। उसने रविवार को अपने छात्रावास की सातवीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। वह बिहार के वैशाली का मूल निवासी था। उसका दाखिला दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका सेक्टर-16 स्थित इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में हुआ था। उसे पांच अन्य छात्रों के साथ छात्रावास के कमरे में शराब और नशीले पदार्थों का सेवन करने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया था।
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कमल पाठक ने बताया कि विरोध प्रदर्शनों के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावास के वार्डन राकेश कुमार को उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया है। हालांकि छात्र मानने को तैयार नहीं है। सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को कुलपति कार्यालय के बाहर जमा होकर मृतक छात्र के लिए न्याय की मांग की और धरना दिया। वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्रो. राकेश कुमार के इस्तीफे की भी मांग की। उन्होंने राकेश कुमार पर उचित जांच के बिना छात्र को निष्कासित करने का आरोप लगाया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्र ‘गौतम के लिए न्याय’ और ‘आत्महत्या नोट को गायब न होने दें’ लिखे पोस्टर लिए हुए थे। छात्र विश्वविद्यालय से जवाबदेही की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने राकेश कुमार के इस्तीफे की भी मांग की। उन पर उचित जांच के बिना छात्रों को निष्कासित करने का आरोप लगाया। इस महीने की 14 तारीख के निष्कासन आदेश के अनुसार, गौतम कुमार और पांच अन्य छात्रों को शराब और नशीले पदार्थों का सेवन करने के कारण छात्रावास से निकाल दिया गया था।
इस आदेश में इन छात्रों को छात्रावास परिसर में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया और 15 सितंबर को दोपहर दो बजे तक अपने कमरे खाली करने का निर्देश दिया गया था। छात्रों के विरोध को देखते हुए कुलपति कार्यालय के बाहर पुलिस टीमें तैनात रहीं।विश्वविद्यालय के अधिकारी स्थिति को शांत करने का प्रयास करते देखे गए। छात्रों के अनुसार, छात्रावास में जन्मदिन पार्टी के बाद उसे निष्कासित कर दिया गया था, जिससे वह बेहद दुखी और परेशान था।
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