[ad_1]
गुना में रेप के बाद पिता ने बेटी को मार डाला। शव को कुएं में फेंककर पुलिस को गुमराह करता रहा। तीन दिन बाद शव बरामद हुआ।
अनुज वधु भगिनी सुत नारी। सुनु सठ कन्या सम ए चारी॥ इन्हहिं कुदृष्टि बिलोकइ जोई। ताहि बधें कछु पाप न होई॥
.
ज्यादा दिन नहीं हुए, इसी सितंबर की 4 तारीख को नर्मदापुरम जिले की सोहागपुर कोर्ट ने रेप-मर्डर केस में दोषी को फांसी दी। सोहागपुर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे ने फैसला सुनाते हुए श्रीरामचरितमानस का यही दोहा पढ़ा था।
इसका मतलब है- छोटे भाई की पत्नी, बहन, पुत्र की पत्नी (बहू) और कन्या- ये चारों समान हैं। इनको जो कोई बुरी नजर से देखता है, उसे मारने में कुछ भी पाप नहीं होता। गुना की यह खबर पढ़कर आपके मन में भी यही आएगा कि दोषी को फांसी से कम सजा न हो।
मामला गुना जिले के चांचौड़ा का है। यहां के एक गांव में 36 साल के शख्स ने 8 साल की बेटी की इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि उसे बेटी का पैदा होना पसंद नहीं था। जन्म से ही वह बेटी को दुत्कारने लगा, कुछ बड़ी हुई तो पीटने भी लगा। पिता की नफरत की वजह से बच्ची 2 साल तक मामा के यहां रही, इसी साल मां उसे वापस लाई थी।
पिता की नफरत कम नहीं हुई। नफरत इतनी कि उसने बच्ची की हत्या से पहले उसके साथ रेप किया। इसके बाद शव को दूसरे के खेत में बने कुएं में फेंक आया। उसके कहने पर पुलिस और एसडीईआरएफ टीम तीन दिन बच्ची का शव नदी में ढूंढ़ती रही।
नीचे स्लाइड में जानिए…
परिवार और गांव के लोगों को भी पता था बेटी से नफरत करता है आरोपी आरोपी की शादी 2012 में हुई थी। 2014 में बेटे का जन्म हुआ। 2016 में पत्नी फिर गर्भवती हुई। वह चाहता था कि इस बार भी बेटा हो। बेटी हुई तो पत्नी से आए दिन झगड़ा करने लगा। बच्ची थोड़ी बड़ी हुई, तो उससे भी मारपीट शुरू कर दी।
2021 में बेटी 5 साल की हो चुकी थी, लेकिन आरोपी की नफरत कम नहीं हुई। परिजन ने बच्ची को उसके मामा के यहां भेज दिया। बच्ची अपने मामा के पास ही रहने लगी। वहां पहली और दूसरी क्लास की पढ़ाई की। किसी कारण उसका मामा के यहां रहना संभव नहीं हुआ।
आगे की पढ़ाई के लिए इसी साल उसकी मां उसे वापस ले आई। गांव में तीसरी क्लास में एडमिशन करा दिया। वह स्कूल जाने लगी। हालांकि, पिता अब भी उससे नाखुश ही रहता था। परिवार और गांव वालों को भी इसकी जानकारी थी कि वह बेटी से नफरत करता है।
आरोपी के बताने पर एसडीईआरएफ की टीम तीन दिन तक नदी में बच्ची को सर्च करती रही।
मौका ढूंढ़ रहा था, टॉफी का लालच देकर खेत में रोका घटना 11 सितंबर की है। आरोपी बेटे और बेटी के साथ खेत पर था। कुछ देर बाद उसके पिता (बच्चों के दादा) भी खेत पर आ गए। थोड़ी देर बाद ही वे वापस आने लगे, तो बेटा दादा के साथ घर वापस आ गया। खेत पर आरोपी पिता और बेटी ही रह गए। बेटी को उसने टॉफी का लालच देकर साथ रोका था।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी से पूछताछ में पता चला है कि पहले उसने मक्के के खेत में बेटी के साथ रेप किया। इसके बाद सिर पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। अपनी ही तौलिया से उसका एक हाथ और एक पैर बांध दिया। 5 किलो का पत्थर बांधकर शव अपने खेत से लगे दूसरे खेत के कुएं में फेंक आया। जिस पत्थर से हत्या की, उसे भी कुएं में फेंका। इसके बाद घर लौट आया।
बेटी को ढूंढ़ने की कोशिश भी नहीं की…पुलिस को यही बात खटकी आरोपी के घर आने के बाद बेटी काफी देर तक घर नहीं लौटी। पत्नी ने उससे पूछा कि बेटी कहां है? बोला- मुझे नहीं पता। बाकी परिवार वाले बच्ची को ढूंढ़ने लगे। पुलिस के पास भी गए। आरोपी घर में ही पड़ा रहा। उसने एक बार भी बच्ची को ढूंढ़ने की कोशिश तक नहीं की।
पुलिस जब 12 सितंबर को उसके घर पहुंची, तब भी वह घर में ही पड़ा हुआ था और सोने का नाटक कर रहा था। यहीं से ही पुलिस को उस पर शक हो गया था। पुलिस ने उसकी हरकतों पर नजर रखना शुरू किया।
चांचौड़ा थाना प्रभारी मचल सिंह मंडेलिया ने बताया कि आरोपी ने पुलिस को शुरू से ही गुमराह किया। उसी ने पुलिस को बताया कि बच्ची शायद नदी में बह गई होगी। गांव से निकली यह सहायक नदी आगे जाकर पार्वती नदी में मिलती है। आरोपी को यही लगा कि पुलिस कुछ दिन नदी में तलाशेगी और फिर तलाश बंद हो जाएगी, क्योंकि पार्वती में इस समय काफी पानी है।
14 सितंबर को कुएं में बच्ची का शव दिखा। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
5 किलो का पत्थर भी शव को ऊपर आने से नहीं रोक सका पुलिस और एसडीईआरएफ की टीम 12 सितंबर से नदी में बच्ची को सर्च कर रहीं थी। 14 सितंबर की शाम कुएं में बच्ची का शव नजर आया। 5 किलो का पत्थर भी शव को पानी से ऊपर आने से नहीं रोक पाया, क्योंकि पानी भरने से बॉडी फूल गई थी। इससे वजन बढ़ गया था। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस-एसडीईआरएफ टीम ने शव को बाहर निकाला।
पुलिस ने अंतिम संस्कार होते ही पिता को हिरासत में लिया चांचौड़ा थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस बच्ची के अंतिम संस्कार का इंतजार कर रही थी। रविवार (15 सितंबर) सुबह जैसे ही शव का अंतिम संस्कार हुआ, पुलिस ने सबसे पहले बच्ची के पिता को ही हिरासत में लेकर पूछताछ की। थाना प्रभारी के मुताबिक, एक दिन आरोपी ने भागने और जान देने की भी कोशिश की।
इसने गांव में किसी से कहा कि ऐसा-ऐसा हो गया है और अब मैं तो मर रहा हूं। वह जा भी रहा था। उसके पिता वापस लौटा कर लाए। जिस व्यक्ति से इसने यह बात बोली, उसने यह पुलिस को बता दिया। इस पर पुलिस का शक और पुख्ता हो गया था।
[ad_2]
Source link