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– फोटो : अमर उजाला
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के डीएम एस. राजलिंगम के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने जवाबी हलफनामा तलब कर पूछा है कि बार-बार आदेश के बावजूद प्रधान कपरफोरवां से जुड़ी शिकायतों की जांच क्यों नहीं हो पाई।
यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल राय की अदालत ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल कुमार दुबे की अवमानना याचिका पर अधिवक्ता सुनील शर्मा को सुनकर दिया। मामला वाराणसी के कपरफोरवां में ग्राम पंचायत की ओर से कराए गए विकास कार्यों की जांच से जुड़ा है।
याची ने तीन दिसंबर 2020 को डीएम से पूर्व प्रधान की ओर से कराए गए कार्यों को लेकर शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि गांव के विकास कार्यों के तहत खड़ंजा बिछाने, नाली बनाने, पौधरोपण जैसे कामों में अनियमितता बरती गई है। याची ने अपराध अनुसंधान विभाग की टीम से जांच कराने की मांग की थी। सुनवाई न होने पर 2022 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कहा था कि शासनादेश के अनुसार जांच की कार्रवाई एक माह में पूरी होनी चाहिए। कोर्ट ने डीएम को जांच करने का आदेश दिया था। फिर भी जांच नहीं की गई तो पहली अवमानना याचिका 2023 व दूसरी 2024 में दाखिल की गई। याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि बार-बार आदेश के बावजूद उसका अनुपालन नहीं किया जा रहा। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अवमानना का मामला पाते हुए वाराणसी के डीएम को अवमानना नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
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