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आज की तारीख में चीन एक वैश्विक ताकत है. इससे किसी को इनकार नहीं करना चाहिए. दुनिया के चाचा कहलाने वाला अमेरिका हो या यूरोपी देश सब इस तथ्य को जानते हैं और स्वीकार भी करते हैं. पूर्वी एशियाई देश जापान भी दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत है. वह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है. लेकिन, वहां के पीएम बीते कुछ समय से चीन का भूत दिखाकर जनता की समस्याओं से मुंह मोड़ ले रहे थे. ऐसे में देश में भ्रष्टाचार और महंगाई इतनी बढ़ गई कि जनता आक्रोशित हो गई. फिर क्या था जनता के दबाव में जापान की सत्ताधारी पार्टी को नेतृत्व बदलने का काम शुरू कर देना पड़ा.
दरअसल, इस वक्त जापान में पीएम फुमियो किशिदा के नेतृत्व में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) की सरकार है. इनके शासन काल में जापान में भीषण महंगाई और घोटालों की भरमार है. इस कारण वह बेहद अलोकप्रिय हो चुके हैं. उनकी अलोकप्रियता को देखते हुए सत्ताधारी दल ने नेतृत्व परिवर्तन का फैसला किया है. अब एलडीपी का नया नेता चुनने के लिए 27 सितंबर को चुनाव होगा. एलडीपी के नेता बनने की रेस में नौ उम्मीदवार हैं. इसमें कई नेता एक दूसरे के कट्टर विरोधी रहे हैं. इसमें एक पूर्व पीएम के बेटे और दो महिला उम्मीदवार शामिल हैं. अगर कोई महिला उम्मीदवार जीतती हैं तो जापान के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब कोई महिला वहां की पीएम बनेंगी.
जनता के निशाने पर किशिदा
जापान में लीडरशिप के लिए चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब पिछले दिनों फुमियो किशिदा की सरकार ने चीन को काउंटर करने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के साथ रक्षा खर्च में भारी बढ़ोतरी की थी. इस समय जापान कई समस्याओं से जूझ रहा है. उसकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो गई है. वहां लो बर्थ रेट यानी घटती आबादी एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है. युवा महिला-पुरुष बच्चे पैदा नहीं करना चाह रहे थे.
बीते करीब एक दशक से जापान के संसद में एलडीपी का बहुमत है. बीते एक दशक से उसके ही नेता देश का पीएम बनते आ रहे हैं. ऐसे में एलडीपी का जो नेता बनेगा वह किशिदा की जगह अगला पीएम बनेगा.
इन उम्मीदवारों में सबसे प्रमुख नाम पूर्व पीएम जूनिचिरो कोईजुमी और पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरू इशिबा के बेटे शिंजिरो कोईजुमी हैं. वह देश के पर्यावरण मंत्री रह चुके हैं. वह युवा है. उनकी उम्र केवल 43 साल है. शिंजिरो कोईजुमी ने अपने भाषण में कहा कि वह समय के हिसाब से जापान की राजनीति को बदलना चाहते हैं. इस रेस में दो महिला उम्मीदवार भी हैं. एक धुर दक्षिणपंथी नेता 63 वर्षीय सनाए तकाइची हैं जबकि दूसरी नेता 61 वर्षीय तारो कोनो हैं. अब देखना है कि पार्टी के भीतर कौन उम्मीदवार प्रभावी साबित होता है.
FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 17:02 IST
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