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शिक्षा विभाग के विभिन्न स्कूलों में सरप्लस चल रहे 37 हजार शिक्षकों का समायोजन एक बार फिर अटक गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने शिक्षा विभाग में बड़ी तादाद में अधिशेष चल रहे शिक्षक और कर्मचारियों के समायोजन के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है।
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यह लिस्ट शिक्षा निदेशालय पहुंचने के बाद पता चलेगा कि राजस्थान में कहां, कितने, किस ग्रेड के शिक्षक व कार्मिक सरप्लस है। इसके बाद में नए सिरे से समायोजन की तिथि व कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। शिक्षा निदेशक ने राज्य के सभी संयुक्त निदेशक और जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में सरप्लस शिक्षक और कर्मचारियों की सूचना मांगी है इसके लिए बाकायदा एक फॉर्मेट भी जारी किया गया है इस फॉर्मेट में सरप्लस शिक्षकों के नाम, कर्मचारी आईडी, सब्जेक्ट, कार्यस्थल, जिला अधिशेष होने की तिथि आदि के संबंध में पूछा गया है।
डेढ़ साल से नहीं हुआ अधिशेष शिक्षकों का समायोजन शिक्षा विभाग में स्कूल क्रमोन्नत होने और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में बदलाव होने से लगभग 37 हजार शिक्षक कार्मिक अधिशेष हो गए हैं। इन शिक्षकों का रिक्त पदों पर समायोजन पिछले डेढ़ साल से नहीं हो सकता है। पिछले महीने शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए थे बाद में रोक लगा दी गई। इसके बाद 9 सितंबर को प्रारंभिक और माध्यमिक दोनों शिक्षा निदेशकों के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी आदेश में 26 सितंबर तक सरप्लस शिक्षकों के समायोजन के निर्देश दिए गए। 12 सितंबर को माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर इस प्रक्रिया को आगामी आदेश तक फिर रोक दिया है।
“37 हजार सरप्लस शिक्षकों का समायोजन नहीं होने से स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था बिगड़ी हुई है। शाला दर्पण पोर्टल पर सारी सूचनाओं अपडेट है। बावजूद इसके रिक्त पदों की सूचना बार-बार मंगवाई जा रही है। समायोजन में विलंब का संगठन विरोध करता है।”
महेंद्र पांडे, मुख्य महामंत्री, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ “पूर्व तैयारी के अधिशेष शिक्षकों का समायोजन सम्भव नहीं हो सकता। विभाग को क्रमबद्ध रूप से पदोन्नति का कार्य पूर्ण कर, विकल्प के आधार पर सेटअप परिवर्तन करने के बाद अधिशेष शिक्षकों का समायोजन करना चाहिए। जो शिक्षक और विभाग दोनों के हित में होगा।” -श्रवण पुरोहित, प्रदेश मंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत
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