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दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को निलंबित IAS ट्रेनी पूजा खेडकर को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। यह नोटिस संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की एक याचिका पर दिया गया, जिसमें उसने खेडकर के उस दावे को गलत बताया है, जिसमें खेडकर ने आयोग पर उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के 31 जुलाई, 2024 के आदेश की जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया था। पूजा ने एफिडेविट देकर कहा था कि आयोग ने मुझे जानकारी नहीं दी और एक प्रेस रिलीज के माध्यम से मुझे इस बारे में पता चला था। इसी दावे के विरोध में आयोग ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है।
UPSC ने हाई कोर्ट में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने के बारे में उन्हें उनकी अधिकृत ईमेल आईडी पर मेल भेजकर सूचना दी गई थी। UPSC ने बताया कि इस बात की जानकारी पूजा को उसी ई-मेल आईडी पर दी गई थी, जिसके जरिए उन्होंने 25 जुलाई को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए वक्त बढ़ाने की मांग की थी।
आयोग ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि याचिकाकर्ता को 31 जुलाई, 2024 का स्पीकिंग ऑर्डर दिया गया था, फिर भी उसने हलफनामे में झूठी जानकारी दी कि उसे आदेश की जानकारी नहीं दी गई थी और उसे केवल एक प्रेस रिलीज के माध्यम से इसके बारे में पता चला।
UPSC ने कोर्ट से कहा कि, ‘इसमें ज्यादा शक वाली बात नहीं है कि पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर का आचरण झूठी गवाही के बराबर है, और झूठा बयान देने के पीछे की उनकी मंशा स्वाभाविक रूप से अपने अनुकूल आदेश प्राप्त करने की कोशिश लगती है।’
जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने UPSC का पक्ष नोट करने के बाद पूजा खेडकर को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर, 2024 को तय की।
UPSC की ओर से हाई कोर्ट में कौशिक सीनियर एडवोकेट नरेश, एडवोकेट वर्धमान कौशिक, एडवोकेट निशांत गौतम, एडवोकेट मयंक शर्मा, एडवोकेट आनंद सिंह और एडवोकेट विनय कौशिक प्रस्तुत हुए।
इससे पहले 7 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट की इसी पीठ ने निलंबित ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को उनकी उम्मीदवारी रद्द किए जाने को चुनौती देने के लिए उचित मंच पर जाने की स्वतंत्रता दी थी। सुनवाई के दौरान संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अदालत को आश्वासन दिया था कि वह पूजा खेडकर को दो दिनों के भीतर उनकी उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश उपलब्ध कराएगा।
जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने पूजा खेडकर की याचिका का निपटारा करते हुए स्पष्ट किया कि उसने मामले की योग्यता पर कोई जांच या राय व्यक्त नहीं की है। पूजा खेडकर ने अपनी उम्मीदवारी रद्द करने के संघ लोक सेवा आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था।
31 जुलाई को UPSC ने एक प्रेस बयान के माध्यम से बताया था कि उसने पूजा खेडकर की अंतिम उम्मीदवारी रद्द करने का फैसला किया है, जो धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों का सामना कर रही थी। यूपीएससी ने कहा कि पूजा खेडकर नियमों का उल्लंघन कर रही थीं और इसलिए उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से वंचित कर दिया है।
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