[ad_1]
दिल्ली के आठ कॉरिडोर सड़क हादसे के लिहाज से सबसे खतरनाक हैं। जीटी रोड, रिंग रोड, पंजाबी बाग चौक से मुबरका चौक, गुरुग्राम बॉर्डर से धौला कुंआ, गाजीपुर रोड समेत कुल आठ कॉरिडोर पर सड़क हादसों में प्रति किलोमीटर दो से पांच मौतें हुई हैं। सड़क हादसे की लिहाज से मुबरका चौक चौराहा सबसे खतरनाक है, जहां कुल 22 हादसे हुए हैं। दिल्ली परिवहन विभाग ने ब्लूमबर्ग फिलन ट्राफीस (परोपकार) के साथ मिलकर दिल्ली की सड़कों पर 2022 में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों के चलन, प्रभावितों और सड़कों को लेकर रिपोर्ट तैयार की है।
परिवहन विभाग के 2022 सड़क दुर्घटना मृत्यु रिपोर्ट के अनुसार, कुल 1571 लोगों की जानें गईं हैं। इनमें 50 फीसदी से अधिक मरने वाले राहगीर, 45 फीसदी दुपहिया और तिपहिया वाहन चालक है। कार से चलने वाले सिर्फ दो फीसदी लोगों की मौत हुई है। उत्तरी दिल्ली में सबसे ज्यादा 260 हादसे हुए। दूसरे नंबर पर नई दिल्ली में कुल 187 हादसे हुए हैं, जिनमें किसी न किसी की मौत हुई है। तीसरे नंबर पर पश्चिमी दिल्ली में 158 हादसे हुए हैं। सबसे कम हादसे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सिर्फ 53 हादसे हुए।
रिपोर्ट में आठ कॉरिडोर को सबसे अधिक खतरनाक बताया गया है। ये वो स्थान हैं, जहां पर प्रति किलोमीटर दो या उससे अधिक लोगों की मौत हुई है। इसमें सबसे ऊपर आजादपुर फ्लाईओवर से पंजाबी बाद चौक का 5.6 किलोमीटर का कॉरिडोर है, जहां पर प्रति किलोमीटर पांच लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई है। इसी तरह दूसरे नंबर पर जीटी रोड पर कुंडली से मुबरका चौक का 14 किलोमीटर का हिस्सा है, जहां पर प्रति किलोमीटर चार लोगों की मौत हुई। टिकरी बॉर्डर पर पंजाबी बाग चौक से मुबरका चौक, आउटर रिंग रोड पर मुबरका टौक से शिवाजी पार्क, धौला कुंआ से राजौरी गार्डन मेट्रो स्टेशन और गाजीपुर रोड पर प्रति किलोमीटर 3-3 लोगों की मौत हुई है।
वीकेंड पर सबसे ज्यादा मौत
दिल्लीवालों की मौज मस्ती भी सड़क हादसों का कारण बन रही है। यह हम नहीं, बल्कि आंकड़े बता रहे हैं। पार्टी करने के शौकीन दिल्लीवाले सबसे ज्यादा जान शुक्रवार से रविवार बीच गंवा रहे हैं। यह हादसे रात 10 से एक बजे के बीच सबसे ज्यादा हो रहे हैं। रिपोर्ट में सामने आया है कि 2022 में कुल 1492 लोगों की जान गई है, शुक्रवार को 197, शनिवार को 221 और रविवार को 228 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। यह हादसे ज्यादातर देर रात 9 से 2 बजे के बीच हुए हैं।
हिट एंड रन में पैदल यात्रियों ने सबसे ज्यादा जान गंवाई
रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि दिल्ली में होने वाले कुल सड़क हादसों में 41 फीसदी मामले हिट एंड रन के हैं। जिसमें पैदल राहगीर हादसे का शिकार हुए है। आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में हिट एंड रन में 57 फीसदी राहगीर, 33 फीसदी दुपहिया चालक, पांच फीसदी पीछे बैठा यात्री, दो फीसदी साइकिल चालक और तीन फीसदी ऑटो रिक्शा चालक शामिल हैं। इन हादसों में मरने वालों में 20 से 29 की उम्र वाले सबसे अधिक 195 लोग शामिल हैं, वहीं 30 से 39 साल के बीच मरने वालों की संख्या 180 है। हिट एंड रन के सबसे ज्यादा मामले उत्तरी दिल्ली में हैं। इस जिले में सबसे अधिक 260 सड़क हादसे में मौत हुई हैं, जिसमें 150 हिट एंड रन के मामले हैं। सबसे कम हिट एंड रन के केस उत्तर-पूर्वी दिल्ली में महज 34 केस सामने आए हैं।
[ad_2]
Source link