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विकास मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण को कम करने और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के बड़ा कदम उठाया है। मंत्री ने 5,000 एकड़ से अधिक खेती योग्य जमीन पर मुफ्त बायो-डीकंपोजर स्प्रे उपलब्ध कराने की दिल्ली सरकार की पहल की घोषणा की है। बायो-डीकंपोजर स्प्रे का मतलब एक ऐसा तरल पदार्थ होता है जो कवक और दूसरे सूक्ष्म जीवों से बना होता है। यह जैविक पदार्थों को तोड़कर खाद बनाने में मदद करता है।
841 किसानों ने दी मंजूरी, संख्या बढ़ने की उम्मीद
कृषि विभाग और पूसा कृषि अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद गोपाल राय ने कहा कि सरकार जैविक पदार्थों को अपघटित करने वाले और फसलों पर छिड़काव बढ़ाने के लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 841 से अधिक किसानों ने इस कार्यक्रम के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। किसानों के बीच जैसे-जैसे इसके बारे में जानकारी पहुंचाई जाएगी, लोगों के अधिक संख्या में शामिल होने की संभावना जताई है।
5000 एकड़ जमीन का टार्गेट, प्रदूषण के बजाय बढ़ेगी पैदावर
मंत्री ने कहा कि पराली जलाने के कारण प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है। केजरीवाल सरकार मुफ्त बायो-डीकंपोजर स्प्रे प्रदान देकर इस समस्या को कम करने की गंभीर कोशिश कर रही है। सरकार ने बीते साल भी ऐसे ही प्रयास किए थे। इस साल हम 5,000 एकड़ से अधिक कृषि भूमि को कवर करेंगे। उन्होंने बताया कि सर्दियों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती हैं। मगर हम बायो-डीकंपोजर का छिड़काव करने में मदद करेंगे। इससे किसानों को अपने खेतों में धान के डंठल जलाने की जरूरत नहीं होगी। इससे प्रदूषण भी कम होगा और मिट्टी की पैदावार भी बढ़ेगी।
पराली जलाए बिना अगली फसल के लिए खेती होगी तैयार
पूसा कृषि अनुसंधान संस्थान बायो-डीकंपोजर की आपूर्ति कर रहा है। इसकी मदद से खेतों में पराली को तोड़ देगा। इसकी मदद से किसान को पराली जलाने की जरूरत नहीं होगी। इसके छिड़काव के साथ ही किसान अपनी जमीन को अगली फसल के लिए तैयार कर सकेंगे।
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