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मध्य प्रदेश सरकार ने रतलाम पुलिस अधीक्षक (एसपी) राहुल कुमार लोढ़ा समेत तीन अधिकारियों का रातोंरात तबादला कर दिया। जिसके बाद अब इस मामले में राज्य की सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस ने लोढ़ा के तबादले को रतलाम में फैले तनाव की घटना से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने लोढ़ा को सत्ता प्रायोजित दंगे रोकने की सजा दी है। यह आरोप कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने लगाया है।
दरअसल 7 सितंबर को गणेशोत्सव के पहले दिन रतलाम में चल समारोह निकल रहा था, इसी दौरान पथराव होने से तनाव फैल गया था। इस घटना से नाराज हिंदू समाज के लोग आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर थाने के बाहर जमा हुए थे। जिसके बाद नाराज भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। इस घटना के बाद हिंदू संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जताई थी और उनके तबादले को इसी का परिणाम बताया जा रहा है।
हिंदू संगठन इस बात से नाराज थे कि पथराव करने वालों की बजाए शिकायतकर्ताओं पर कार्रवाई कर दी गई। जिसके बाद सर्व हिंदू समाज ने पुलिस की कार्रवाई के विरोध में मंगलवार रात कलेक्टर राजेश बाथम को ज्ञापन देकर जांच की मांग की। साथ ही 24 घंटे में एक्शन न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। जिसके कुछ घंटों बाद ही लोढ़ा का ट्रांसफर कर दिया गया।
प्रतापगढ़ी ने शेयर की पोस्ट
इस बारे में कांग्रेस नेता प्रतापगढ़ी ने लोढ़ा के ट्रांसफर की खबर से जुड़ी एक पोस्ट शेयर की जिसमें लिखा था, ‘आईपीएस अधिकारी राहुल कुमार लोढ़ा, जिन्होंने 7 सितंबर को रतलाम में सांप्रदायिक दंगे की साजिश को नाकाम किया और हिंदू संगठन से जुड़े 13 नेताओं पर मामला दर्ज किया था, का ट्रांसफर दो दिन के अंदर ही कर दिया गया।’
इस पोस्ट में आगे लिखा था, ‘मध्य प्रदेश के रतलाम में, 7 सितंबर को दक्षिणपंथी समूहों ने गणेश प्रतिमा पर पथराव की अफवाह फैलाकर दंगा भड़काने की कोशिश की, पुलिस स्टेशन के बाहर भड़काऊ नारे लगाए, पुलिस पर और बाद में मुस्लिम बस्तियों में पथराव किया, लेकिन एसएसपी रतलाम लोढ़ा ने उनकी कोशिश को विफल कर दिया और 13 नेताओं पर मामला दर्ज किया, जिनमें से आधा दर्जन हिस्ट्रीशीटर हैं।’
उस पोस्ट में आगे लिखा था, ‘दंगा रोकने के लिए पूरे शहर ने उनके प्रयास की सराहना की, हालांकि, इससे सरकार नाराज हो गई। यह ऐसा समय है जब अधिकारियों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंडित किया जाता है। पुलिस को कभी भी स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति नहीं दी जाती है।’
पूछा- क्या यही है आपकी शासन प्रणाली?
इसी पोस्ट को शेयर करते हुए कांग्रेस नेता प्रतापगढ़ी ने लिखा, ‘मध्य प्रदेश में सत्ता प्रायोजित दंगे की साजिश को रोकने वाले जांबाज पुलिस अधिकारी पुरस्कृत नहीं बल्कि दंडित किए जाते हैं, रतलाम इसका सटीक उदाहरण है। मोहन यादव जी क्या यही है आपकी शासन प्रणाली?’
क्या हुआ था रतलाम में…?
बता दें कि मध्यप्रदेश के रतलाम में शनिवार रात भगवान गणेश की शोभायात्रा पर पथराव की खबर के बाद तनाव फैल गया था। इस घटना के विरोध में लगभग 500 लोगों ने स्टेशन रोड पुलिस थाने का घेर लिया था और पत्थर फेंकने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंची। भीड़ भी पुलिस के साथ घटनास्थल पर गई थी। इस दौरान घटनास्थल से भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। जिसके बाद कुछ संगठनों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे।
लोढ़ा का स्थानांतरित कर भोपाल भेजा
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने रतलाम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राहुल कुमार लोढ़ा का तबादला कर उन्हें इसी पद पर भोपाल (एसपी रेल) के रूप में पदस्थ कर दिया है। लोढ़ा के स्थान पर अमित कुमार को एसपी रतलाम पदस्थ किया गया है, जो अब तक नरसिंहपुर जिले में पदस्थ थे। वहीं एसपी, रेल, भोपाल मृगाखी डेका को नरसिंहपुर जिले में एसपी की कमान दी गयी है।
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