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निजी स्कूलों के द्वारा अवैध फीस वसूली और काफी-किताब के नाम पर लिए गए अधिक पैसों को लेकर जबलपुर जिला कलेक्टर ने मंगलवार 10 सितंबर को 17 निजी स्कूलों के खिलाफ मिली शिकायत पर खुली सुनवाई आयोजित की थी, लेकिन इससे पहले ही स्कूल के प्राचार्य, प्रबंधक मध्यप
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निजी स्कूलों की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि खुली सुनवाई में बच्चों के अभिभावक कम और पैरेंट संगठन के लोग ज्यादा शामिल होते है जो कि निजी स्कूलों पर आरोप लगाते हैं, और फिर खुली सुनवाई के दौरान वीडियो बनाते हैं। याचिकाकर्ता की ओर से बिना किसी संगठन का नाम लिए कोर्ट को यह भी बताया गया कि कुछ संगठन अभिभावकों को यह मैसेज कर रहे हैं, कि निजी स्कूलों को कोई भी फीस न दी जाए इसके लिए शासन के तौर पर कोर्ट के सामने कुछ व्हाट्सएप चैट भी प्रस्तुत किए गए, इसके साथ ही निजी स्कूलों के द्वारा कोर्ट से यह निवेदन किया गया कि उनके ऊपर जो जांच चल रही है उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए, लेकिन उन्हें इस तरह सबके सामने जवाब देने की असहज स्थिति में ना लाया जाए।
निजी स्कूलों के खिलाफ हो रही खुली सुनवाई को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें रोक नहीं लगाई गई है लेकिन कोर्ट ने यह भी माना है कि निजी स्कूलों को किसी नई शिकायत का जवाब तुरंत देने के लिए दबाव न बनाया जाए। हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की डिवीजन बेंच ने जिला प्रशासन को आदेश दिया था कि 10 सितंबर को जब सुनवाई हो तो उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए लेकिन यह वीडियो रिकॉर्डिंग समाप्त होते ही सील बंद कर दी जाए जो बाद में कोर्ट में जमा की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था की जनसुनवाई में शामिल कोई भी नागरिक, अभिभावक, पेरेंट्स संगठन सहित निजी स्कूल भी सुनवाई की कोई वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं करेंगे।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर मंगलवार की शाम को कलेक्टर कार्यालय में निजी स्कूलों की खुली सुनवाई हुई, लेकिन किसी भी व्यक्ति को वीडियो रिकॉर्ड करने की अनुमति नहीं दी गई। हाईकोर्ट के निर्देश पर जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने कई अधिकारियों की ड्यूटी सिर्फ इस और लगाई थी कि कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल से सुनवाई के दौरान वीडियो ना बनाएं। जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना बताया कि मंगलवार की देर रात तक 17 स्कूलों की खुली सुनवाई में अभिभावकों की शिकायतों को सुना गया है। स्कूलों को जांच रिपोर्ट की प्रतिलिपि भी उपलब्ध कराई गई है और जल्द से जल्द निजी स्कूल इस जांच रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर जवाब देंगे।
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